विशाखापट्टनम (आंध्रप्रदेश)। भारतीय नौसेना ने समुद्री बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने वाले अपने पोतों (माइनस्वीपर- कोंकण, कन्नूर और कुड्डलूर) को इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। यहां नौसेना की गोदी में आयोजित एक समारोह में जहाजों को डिकमीशन कर दिया गया।
नौसेना के पूर्वी कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल एमएस पवार शुक्रवार को आयोजित किए गए समारोह के मुख्य अतिथि थे। आईएनएस कन्नूर, आईएनएस कुड्डलूर और आईएनएस कोंकण के कमांडिंग ऑफिसर क्रमश: रियर एडमिरल रवि गायकवाड़, रियर एडमिरल पीके नायर और कमोडोर मोहनदास विशिष्ट अतिथि थे। समारोह में इन जहाजों के 38 पूर्व कमांडिंग ऑफिसर और उन पर सेवाएं दे चुके करीब 500 कर्मी भी शामिल हुए।
नौसेना की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि वाइस एडमिरल पवार ने जहाजों के चालक दलों को याद किया और 3 से ज्यादा दशकों तक देश की समुद्री सुरक्षा में इन पोतों के योगदान तथा विभिन्न अभियानों में उनकी भागीदारी को रेखांकित किया। इनमें से हर पोत ने करीब 30,000 समुद्री मील का सफर तय किया, जो कि पूरी दुनिया का साढ़े चार बार चक्कर काटने के समान है। (भाषा)