Indian Navy rescue operation: भारतीय नौसेना ने दिसंबर 2023 में अपहरण किए गए जहाज एमवी रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को बिना किसी नुकसान के बचा लिया। इतना ही नहीं नौसेना ने समुद्री डाकुओं को भी सरेंडर के लिए मजबूर कर दिया। आईएनएस कोलकाता ने भारतीय तट से लगभग 1400 नॉटिकल मील (2600 किमी) जहाज को रोका था।
35 समुद्री डाकुओं का सरेंडर : समुद्री डाकुओं ने 14 दिसंबर, 2023 को एमवी रुएन नामक जहाज का अपहरण कर लिया था। इस जहाज में 17 क्रू मेंबर सवार थे। आईएनएस सुभद्रा की मदद से आईएनएस कोलकाता चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया। किसी को भी कोई चोट नहीं आई है। इसी साथ ही भारतीय नौसेना ने 35 समुद्री डाकुओं को सरेंडर करने के लिए मजबूर कर दिया।
नौसेना ने बताया कि जहाज से भारतीय युद्धपोत पर गोलीबारी की गई और भारतीय जहाज की ओर से आत्मरक्षा में और नौवहन तथा नाविकों को समुद्री डाकुओं के खतरे से बचाने के लिए आवश्यक न्यूतनम बल के साथ समुद्री डकैती से निपटने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार कार्रवाई की गई।
युद्धपोत ने 15 मार्च को इस जहाज का पीछा किया : भारतीय नौसेना के एक युद्धपोत ने 15 मार्च को इस जहाज का पीछा किया और रोका। भारतीय नौसेना के एक युद्धपोत ने 15 मार्च को इस जहाज का पीछा किया और रोका। नौसेना ने एक बयान में कहा कि जहाज पर सवार समुद्री डाकुओं से आत्मसमर्पण करने तथा उनके द्वारा बंधक बनाए जहाज तथा नागरिक को रिहा करने का आह्वान किया गया। इसमें कहा गया है कि भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और नाविकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
नौसेना ने बताया कि शुक्रवार को एक भारतीय युद्धपोत और लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान ने बांग्लादेश के एक मालवाहक जहाज का अपहरण किए जाने के बाद उसकी मदद की। उसने बताया कि सशस्त्र समुद्री डाकुओं द्वारा बंधक बनाए गए चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय नौसेना ने पश्चिमी हिंद महासागर में कई व्यापारी जहाजों पर हमलों के बाद उनकी सहायता की है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala