नई दिल्ली। भारतीय रेलवे सुरक्षा में सुधार और दक्षता बढ़ाने के मकसद से ऑनलाइन उपग्रह तस्वीरें पाने के लिए इसरो के साथ हाथ मिलाएगा।
जीआईएस मानचित्रण परियोजना से जुड़े रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरे रेल मार्ग और भू-स्थानिक तकनीक का इस्तेमाल कर रेल नेटवर्क में मौजूद इमारतों, जमीन, कार्यशालाओं तथा अन्य सुविधाओं सहित इसकी संपत्तियों के जीआईएस मानचित्रण के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा।
भू-स्थानिक तकनीक में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम), जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) और आरएस (रिमोट सेंसिंग) शामिल होते हैं।
अधिकारी ने बताया कि भू-स्थानिक तकनीक इसरो की जीपीएस एडेड जीओ ऑगमेंटेउ नेविगेशन (गगन) प्रणाली के मार्फत उपग्रह की सहायता से नेविगेशनल सहयोग से उपलब्ध होगी।
अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन उपग्रह तस्वीरें पाने के मकसद से जीआईएस प्लेटफॉर्म के निर्माण के लिए जल्द ही इसरो के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन से उपग्रह प्रणाली के जरिए तस्वीरें और संचार की सुविधा पाने में मदद मिलेगी। वहीं इन तस्वीरों से इलाके के मानचित्रण में मदद मिलेगी, संचार की सुविधा से ट्रेनों में व्यापक स्तर पर वाई-फाई की सुविधा शुरू करने में सक्षमता आएगी।
यह तकनीक दुर्घटना के समय काम में आ सकती है और इससे ट्रेनों के सटीक स्थान और भौगोलिक स्थिति का भी पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा रिमोट सेंसिंग की मदद से फाटक रहित रेलवे क्रॉसिंग पर सुरक्षा के लिए रेलवे को समाधान तलाशने में भी इससे मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि रिमोट सेंसिंग प्रणाली किसी फाटकरहित रेलेवे क्रॉसिंग को पार करते वक्त यात्रियों को ट्रेनों के आगमन के बारे में सचेत करेगी। (भाषा)