नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने शनिवार को स्वच्छता का पंच लगा ही दिया। केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर शहर लगातार पांचवीं बार स्वच्छता के मामले में नंबर वन चुना गया, सूरत को मिला दूसरा स्थान। वाराणसी को सबसे स्वच्छ गंगा शहर की श्रेणी में पहला स्थान मिला।
शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इंदौर को स्वच्छ सर्वेक्षण का पुरस्कार प्रदान किया। इन्दौर शहर के नागरीकों की ओर से ये पुरस्कार नगरीय प्रशासन मंत्री भुपेन्द्र सिंह, इन्दौर के सांसद शंकर लालवानी, आयुक्त नगर निगम सुश्री प्रतिभा पाल द्वारा प्राप्त किया गया।
इंदौर को स्वच्छ सर्वेक्षण के साथ कचरामुक्त शहर स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल की फाइव स्टार रेटिंग का पुरस्कार भी मिला। इंदौर को यह पुरस्कार लगातार तीसरी बार मिला है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, 'अरे वाह भिया, छा गया अपना इंदौर फिर से इंदौर अद्भुत है, गजब है। धन्य है इंदौर की जनता, इंदौर की जनता को मेरा प्रणाम, जिन्होंने इंदौर को लगातार 5वीं बार स्वच्छता में शीर्ष पर बनाए रखा। बधाई जनप्रतिनिधियों को, सांसद, विधायक, प्रशासन, स्वच्छता कर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों को। बधाई इंदौर..'
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'इंदौर ने फिर लहराए स्वच्छता का परचम। इंदौर पांचवी बार बना देश का सबसे स्वच्छ शहर। इंदौर के नागरिकों को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।'
दिल्ली में आयोजित होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण का पुरस्कार के लिए शामिल होने संभागायुक्त पवन शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, अपर आयुक्त संदीप सोनी, कार्यपालन यंत्री महेश शर्मा और स्वास्थ अधिकारी अखिलेश उपाध्याय भी पहुंचे हैं। इनके अलावा शहर में पहली बार निगम व जिला प्रशासन के अफसरों के साथ पुरस्कार लेने वालों में इंदौर की सफाई मित्र इंद्रा आदिवाल को भी शामिल किया गया है।
क्यों नंबर 1 है इंदौर :
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इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है जिसे वॉटर प्लस का खिताब मिला।
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रोबोटिक मशीनों से ड्रेनेज चैंबर की सफाई।
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शहर में 5 जीरों वेस्ट वार्ड बनाए गए। इससे कचरा वार्ड में ही खत्म हुआ।
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करीब 150 आदर्श यूरिनल तैयार किए गए।
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सफाई मित्रों के प्रोत्साहन के लिए बेहतर काम करने वालों को पुरस्कृत किया गया।