नई दिल्ली। सरकार ने श्रम कानूनों में संशोधन के लिए औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, 2019 गुरुवार को लोकसभा में पेश किया, जिसके तहत श्रमिकों के लिए हड़ताल करने से पहले नोटिस देना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें हड़ताल के लिए और भी कई तरह की शर्तें लगाई गई हैं।
श्रमिकों को हड़ताल से कम से कम 14 दिन और अधिक से अधिक 60 दिन पहले नोटिस देना होगा। एक बार नोटिस देने के बाद जिस तिथि पर हड़ताल शुरू करने की बात कही गई है, उससे पहले श्रमिक हड़ताल नहीं कर पाएंगे।
किसी मामले को लेकर श्रमिक संगठन और प्रबंधन में सुलह के दौरान और सुलह होने के 7 दिन बाद तक तथा किसी प्राधिकरण या राष्ट्रीय औद्योगिक प्राधिकरण में कोई मामला जारी रहने या मामले में फैसला आने के बाद 60 दिन तक हड़ताल की अनुमति नहीं होगी। नियोक्ता द्वारा किसी श्रमिक को कार्यस्थल में प्रवेश से रोकने से पहले भी समान अवधि के नोटिस का प्रावधान विधेयक में किया गया है।