Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कोरोना के बाद त्योहारों पर महंगाई की मार! सालभर में पेट्रोल 36, डीजल 34, रसोई गैस 300 रु. हुई महंगी, खाद्य तेल के दामों में 100 फीसदी का इजाफा

हमें फॉलो करें webdunia
webdunia

विकास सिंह

बुधवार, 13 अक्टूबर 2021 (08:55 IST)
“ऐ ख़ाक-ए-वतन तुझ से मैं शर्मिंदा बहुत हूँ
महँगाई के मौसम में ये त्यौहार पड़ा है”

मशूहर शायर मुनव्वर राना का महंगाई पर लिखी गई ये लाइनें आज के हालातों पर बाखूबी बयां कर रही है। त्योहारों के इस सीजन में रिकॉर्डतोड़ महंगाई ने हर घर का बजट बिगाड़ कर रखा दिया है। पिछले साल त्योहारों पर कोरोना की मार थी तो इस बार बेलगाम महंगाई की मार त्योहारों पर दिखाई पड़ रही है।
 
कोरोनाकाल और उसके बाद पेट्रोल और डीजल का हर नए दिन के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचना महंगाई की आग में घी का काम कर रहा है। कोरोनाकाल में पेट्रोल 36 रुपए और डीजल 34 रुपए लीटर महंगा हो गया है। अगर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की बात करें तो भोपाल में कोरोना की दस्तक देने से पहले 16 मार्च 2020 को जो पेट्रोल 77.56 रु/लीटर में बिक रहा था वह आज 113 रु/ली बिक रहा है।
webdunia


वहीं पेट्रोल के बाद अब डीजल के दामों ने भी शतक लगा दिया है। भोपाल में मार्च 2020 में जो डीजल 68.27 रु/ली बिक रहा था वह अक्टूबर 2020 में 78.12 रु/ली और आज 102.22 रु/ली बिक रहा है। मध्यप्रदेश के सभी जिलों में डीजल के दाम 100रु/ली को पार कर गए है।
 
पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बेलगाम कीमतों ने घर की रसोई का पूरा बजट ही बिगाड़ दिया है। महंगाई की मार से हर परिवार की कमर टूट गई है। डीजल के दाम अपने ऑलटाइम रिकॉर्ड पर पहुंचने का सीधा असर प्रोडक्शन और मालभाड़ा पर पड़ा है। डीजल के दाम 100 रुपए पार होने के साथ ट्रक ऑपरेटरों ने मालभाड़ा बढा दिया है। 
webdunia
एक साल में माल भाड़ा में 40 फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी हो चुकी है। माल भाड़ा बढ़ने का असर यह हुआ है कि फल, सब्जियों के दाम के साथ अब आम आदमी की रोजमर्रा की जरुरत का हर समान महंगा हो गया है।

कोरोना काल में रोजमर्रा की जरुरतों के सामान के दामों में मानों आग लग गई हो। अगर खाद्य पदार्थों की महंगाई के ग्राफ को देखा जाए तो पिछले एक साल में घर की रसोई का खर्च ही 40-50 फीसदी तक बढ़ गया है। अक्टूबर 2020 में जो कंपनी का पैकेट बंद 5 किलो का ब्रांडेड आटा जो 150 में बिक रहा था वह आज 175-80 में बिक रहा है।
webdunia

वहीं खाद्य तेल के दाम एक साल में दोगुने हो गई है। सरसों का बोतल बंद तेल जो पिछले अक्टूबर में 90-100 रुपए में बिक रहा था वह आज 210-215 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं 80-90 रुपए में बिकने वाला सोयाबीन रिफाइंड ऑयल अब 170-180 रु/लीटर बिक रहा है।
 
वहीं दूसरी ओर रसोई गैस के लगातार बढ़ते दामों ने लोगों की जेब पर सीधा असर डाला है। बीते एक साल में रसोई गैस सिलेंडर 300 रुपए से अधिक महंगा हो गया है। राजधानी भोपाल में अक्टूबर में जो रसोई गैस सिलेंडर 594 रुपए में मिल रहा था वह अब 905 रुपए में आ रहा है।
webdunia

वहीं दूसरी ओर त्योहारों के सीजन में सब्जी के दामों में हो रही लगातार बढ़ोत्तरी ने खाने का स्वाद और फीका कर दिया है। भोपाल में प्याज के दाम फिर एक बार तेजी से बढ़ने लगे है। तीन दिन पहले तीस रुपए किलो बिकने वाला ब्याज अब बाजार में 50 रुपए किलो मिल रही है। वहीं टमाटर के दाम देखते ही देखते 60 रुपए प्रति किलो पहुंच गए है। 
webdunia

एक ओर जनता महंगाई की मार से परेशान है। तो दूसरी ओर सरकार लगातार लोगों अच्छे दिन का सब्जबाग दिखाने की कोशिश में जुटी है। सरकार का दावा है कि खुदरा महंगाई की दर पिछले पांच महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। खैर सरकारों के वादे और दावों के बीच पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने के तेल के ऐतिहासिक दाम आम आदमी का तेल निकाल रहे है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बिजली संकट के बीच कोयला मंत्री का कोरबा दौरा, संकट समाधान पर होगा विचार