नई दिल्ली। बात ही ऐसी है... जिस किसी ने सुना हैरान रह गया। डॉक्टर भी हैरान हुए बिना नहीं रहे। दरअसल, नोएडा में एक अस्पताल में एक शख्स का दिल 3 साल बाद फिर से धड़कने लगा। अभी तक इस शख्स को कृत्रिम हृदय (Artificial Heart) लगा हुआ था।
करीब तीन साल पहले हनी जवाद मोहम्मद का हार्ट फेल हो गया था। उसके हृदय ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया था। वह नोएडा के फोर्टिस हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट में इलाज के लिए आया था। उस समय हनी को कृत्रिम दिल लगा दिया गया था।
फोर्टिस हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ. अजय कौल ने मीडिया को बताया कि हनी इराकी नागरिक है। वह 2018 में इलाज के लिए अस्पताल आया था। उस समय वह चल-फिर भी नहीं पाता था। हृदय ट्रांसप्लांट के लिए दिल मिलना मुश्किल था। ऐसे में डॉक्टरों ने जान बचाने के लिए एक आर्टिफिशियल दिल (वेंट्रिकल असिस्ट डिवाइस) लगा दिया।
जवाद को आर्टिफिशियल हार्ट लगाने के दो हफ्ते बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। हर छह महीने में चेकअप के लिए भारत आना होता है। डॉक्टरों ने बताया कि जब वह जांच के लिए भारत आया तो पता चला कि दिल तो पूरी तरह से ठीक हो चुका है। हालांकि उस समय मशीन नहीं हटाई गई थी, लेकिन उसकी स्पीड कम कर दी गई। डॉक्टरों ने दो साल तक उसकी निगरानी रखी और अब आर्टिफिशियल हार्ट वापस निकाल दिया गया। अब हनी का असली दिल पूरी गति से काम कर रहा है।
डॉक्टरों की मानें तो भारत यह अपनी तरह यह पहला अनोखा मामला है, जबकि अभी करीब 2 या 3 ही ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मरीज का दिल फिर से अच्छे से काम करने लगा हो और उसे मशीन की जरूरत ना हो।