कर्नाटक के 'दिल' का दर्द, क्या रेड मीट बन रहा है हासन में हार्ट अटैक का कारण
-बेंगलुरु से कृष्णवेनी के.
Deaths due to heart attack in Hassan: कर्नाटक के हासन जिले में हार्ट अटैक पिछले 40 दिनों में हुई 22 लोगों की मौत ने राज्य सरकार की धड़कनें बढ़ा दी हैं। चिंता की बात तो यह है कि हार्ट अटैक से मरने वालों में ज्यादातर युवा हैं। इनकी उम्र 25 से 45 के बीच है। हालांकि कुछ लोग इन मौतों के लिए कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार मान रहे हैं, वहीं डॉक्टर इसे व्यक्ति की जीवनशैली से जोड़कर देख रहे हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वैक्सीन की मंजूरी और वितरण को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताते हुए इसकी जांच की मांग की है।
क्या रेड मीट है कारण : स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां खाने में रेड मीट का उपयोग बहुत किया जाता है। रेड मीट में सबसे ज्यादा वसा होती है, जो हासन में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों का एक कारण हो सकता है। हासन के में बड़ी संख्या में लोग मांसाहारी हैं और वे मीट के शौकीन हैं। हालांकि यह साबित नहीं हुआ है कि रेड मीट के कारण हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन लोगों को अपने खान-पान की आदतों पर संदेह है।
लोगों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ी : हार्ट अटैक की घटनाओं के सामने आने के बाद लोगों में एक बात जरूर देखने में आ रही है। लोगों ने स्वास्थ्य पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। पार्क की देखरेख करने वाले एक केयर टेकर ने बताया कि सुबह टहलने वालों की संख्या में काफी बढ़ गई है। पिछले एक महीने में ज्यादातर पार्क, वॉकिंग स्लॉट भर गए हैं। लोगों ने अपनी जीवनशैली पर ध्यान देना शुरू किया है। लोग व्यायाम और वॉकिंग के महत्व को भी समझ रहे हैं।
अस्पतालों में मरीज बढ़े : बेंगलुरु के एक मुख्य हार्ट अस्पताल में अब रिकॉर्ड संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जो अपने दिल की सेहत की जांच करवाना चाहते हैं। हार्ट अटैक के डर से लगभग 50-60% मरीज बढ़ गए हैं। इससे पहले जब अभिनेता पुनीत राजकुमार की कार्डियक अरेस्ट के कारण मृत्यु हो गई थी, तब भी जयदेव अस्पताल में बड़ी संख्या में लोग अपने स्वास्थ्य की जांच करवाने के लिए उमड़ पड़े थे। अब हासन के लोग या तो जयदेव अस्पताल या मैसूर के अस्पताल जा रहे हैं, क्योंकि वे अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।
क्या कहते हैं हृदय रोग विशेषज्ञ : इंदौर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. भरत रावत का कहना है कि इसकी कोई वैज्ञानिक जानकारी सामने नहीं आई है कि कोरोना वैक्सीन के कारण हार्ट अटैक से मौतें हो रही हैं या हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। यदि आंशिक रूप से ऐसा हुआ भी है तो अब कुछ भी नहीं किया जा सकता। लोगों को इस मामले में ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है। जहां तक वैक्सीन का सवाल है तो उसका असर 1-2 साल ही रहता है।
हासन में 2 साल में 500 से ज्यादा मामले : स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो सालों में हासन में हार्ट अटैक के 507 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से करीब 190 लोगों की मौत हो गई। पिछले 40 दिनों में हासन जिले में हार्ट अटैक के कारण 22 मौतें होने के बाद तो राज्य में हड़कंप मच गया। चिंता की बात यह है कि इनमें से ज्यादातर युवा हैं। हार्टअटैक से मरने वालों में 27 साल की नवविवाहिता है, वहीं हाल ही में बच्चे को जन्म देने वाली की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसमें कोई संदेह नहीं कि आंकड़े डराने वाले हैं।
तनाव से बचें : वहीं, मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि ऑफिस में बढ़ते वर्क लोड और तनाव के कारण भी हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। वे कहते हैं कि फिजिकल एक्टिविटी तनाव को कम करने में मदद करती है और दिल को स्वस्थ रखती है।
हासन ही नहीं कर्नाटक के अन्य हिस्सों में भी हार्ट अटैक के कारण अचानक मौत के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में दक्षिण कन्नड़ जिले के मैंगलोर में एक कर्नाटक राज्य सेवा के अधिकारी की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। वह सिर्फ 36 वर्ष के थे। उन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन उनके पिता को हृदय संबंधी समस्या थी। बेंगलुरु के एक चिकित्सक का कहना है कि फैमिली हिस्ट्री के कारण भी हार्ट अटैक हो सकता है।
जयदेव हार्ट फाउंडेशन के निदेशक डॉ. केएस रवीन्द्रनाथ और उनकी टीम मामले की जांच कर रही है। जयदेव हार्ट फाउंडेशन के पूर्व निदेशक और भाजपा सांसद डॉ. सीएन मंजूनाथ ने कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच किसी भी तरह के संबंध से इंकार किया है। उनका कहना है कि हार्ट अटैक की मुख्य वजह उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, शुगर लेवल में वृद्धि, खान-पान की आदतें, जीवनशैली, अत्यधिक व्यायाम आदि हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala