जयपुर। जयपुर पुलिस ने राजस्थान में योजना भवन के तलघर (बेसमेंट) में बंद अलमारी से 2.31 करोड़ रुपए नकदी और एक किलो सोना मिलने के मामले में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीओआईटी) के संयुक्त निदेशक वेद प्रकाश याद को हिरासत में लिया है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए आरोपी वेद प्रकाश यादव को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सौंप दिया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच के लिए आरोपी वेद प्रकाश यादव को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सौंप दिया है। जयपुर के आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने कहा, लगभग 50 कर्मचारियों से पूछताछ और एक महीने से लंबी अवधि के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद हमें आरोपी के अलमारी के अंदर एक बैग रखने की जानकारी मिली।
श्रीवास्तव ने बताया कि पूछताछ के दौरान यादव ने कबूल किया है कि उन्होंने यह रकम अलग-अलग लोगों से रिश्वत के तौर पर ली थी और वह इसे घर ले जाने के बजाय कार्यालय में ही रखते थे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपी अधिकारी के अंबाबाड़ी आवास की भी तलाशी ली है, जहां से उसे कई दस्तावेज मिले हैं।
श्रीवास्तव के मुताबिक, आरोपी यादव सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में कई वर्षों से कार्यरत हैं। उन्हें प्रोग्रामर के रूप में भर्ती किया गया था और वह 20 वर्षों तक विभाग के स्टोर इंचार्ज के रूप में बने रहे। वर्ष 2019-20 में उन्हें इस विभाग में संयुक्त निदेशक बनाया गया।
पुलिस ने बताया कि यादव सीसीटीवी कैमरे, कंप्यूटर और एलईडी मुहैया कराने वाली कंपनियों के संपर्क में थे, जो अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देती थीं। एक अधिकारी के मुताबिक, एसीबी ने वेद प्रकाश यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि एसीबी जांच में विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी आरोपी बनाएगी, क्योंकि रिश्वत देना भी अपराध है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार रात को योजना भवन के तलघर में एक अलमारी में रखे सूटकेस से 2000 और 500 रुपए के नोट मिले थे। नोटों की गिनती करने पर कुल रकम 2.31 करोड़ रुपए पाई गई थी। इसके साथ ही अलमारी में एक किलोग्राम सोना भी पाया गया था।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)