श्रीनगर। प्रशासन ने मुहर्रम के 10 दिनों की शोक की अवधि के 8वें दिन मंगलवार को यहां शिया समुदाय के सदस्यों द्वारा पारंपरिक जुलूस निकालने के प्रयास विफल कर दिए। अधिकारियों ने बताया कि समुदाय के कई सदस्यों को शहर के विभिन्न स्थानों से हिरासत में लिया गया। मीडिया खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर प्रदर्शन भी किया।
अधिकारियों ने बताया कि समुदाय के कुछ सदस्यों ने जुलूस निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में जुलूस निकलने की संभावना थी वहां पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। पुलिस का कहना है कि शहर में कहीं भी कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन जुलूस निकालने वालों को रोकने के लिए यहां कई जगहों पर बैरिकेड लगाये गए हैं।
मुहर्रम के 10 दिनों की शोक की अवधि के आठवें दिन पारंपरिक मुहर्रम जुलूस, अबी गुजर, लाल चौक और डलगेट क्षेत्रों के क्षेत्रों से होकर गुजरता था, लेकिन 1990 में आतंकवाद शुरू होने के बाद से प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि धार्मिक सभा का इस्तेमाल अलगाववादी राजनीति के प्रचार के लिए किया गया।
इस बीच, कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक, विजय कुमार ने कहा कि पुलिस जनता की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है, लेकिन साथ ही यह उनकी संयुक्त जिम्मेदारी है कि वे निहित स्वार्थी तत्वों के गलत मंसूबों को परास्त करें जो शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।
कश्मीर जोन पुलिस ने आईजीपी के हवाले से अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल में कहा कि हम सभी की धार्मिक भावनाओं और प्रथाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन साथ ही यह हमारी संयुक्त जिम्मेदारी भी है कि हम निहित स्वार्थी तत्वों के गलत मंसूबों को परास्त करें, जो शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। (इनपुट भाषा)