रत्न भंडार को 46 साल बाद रविवार को 11 लोगों की उपस्थिति में खोला गया था। खजाना खोलने से पहले पुरी प्रशासन ने खास तरह के 6 बड़े-बड़े बॉक्स मंगवाए थे। इसके बाहरी कक्ष से कीमती चीजें शिफ्ट कर दी गईं, लेकिन भीतरी कक्ष की शिफ्टिंग आज होनी है।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरबिंद पाधी ने कहा कि गुरुवार को रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने की व्यवस्था की जा रही है, इसलिए हमने मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। सुबह आठ बजे के बाद किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंदिर का केवल सिंह द्वार खुला रहेगा। केवल अधिकृत व्यक्तियों और सेवकों को ही सुबह आठ बजे के बाद मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी।
पाधी ने कहा कि वर्षों से भक्तों द्वारा भगवान को दान की गई बहुमूल्य वस्तुओं को मंदिर परिसर के अंदर अस्थायी 'स्ट्रांग रूम' में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार गर्भगृह के ठीक बगल में बना हुआ है। मंदिर के रत्न भंडार में 2 कक्ष हैं, पहला आंतरिक भंडार और दूसरा बाहरी भंडार। ऐसा माना जाता है जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की रक्षा सांप करते हैं। यहां से अक्सर सांपों के फुफकारने की आवाजें आती हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta