उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद में रचनात्मक बहस और संवाद की आवश्यकता पर दिया जोर
राज्यसभा के सभापति ने सहयोगी विपक्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब इस संसद में कोई व्यवधान या रुकावट नहीं बल्कि अधिक बहस, संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श होना चाहिए।
Jagdeep Dhankhar News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने शुक्रवार को संसद में रचनात्मक बहस और संवाद की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि व्यवधान का दौर समाप्त होना चाहिए और सार्थक चर्चा के लिए रास्ता बनाना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले आई है। धनखड़ ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के 33वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि देश को वास्तव में एक ऐसे विपक्ष की जरूरत है, जो रचनात्मक और सहयोगी दोनों हो।
राज्यसभा के सभापति ने सहयोगी विपक्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब इस संसद में कोई व्यवधान या रुकावट नहीं बल्कि अधिक बहस, संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श होना चाहिए। महिला सशक्तीकरण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने विधानमंडलों में महिलाओं के लिए हालिया आरक्षण की सराहना की और इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
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महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण : उपराष्ट्रपति ने कहा कि अब हमारे पास महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण है। उन्होंने कहा कि देश में एक सकारात्मक माहौल बन रहा है जो महिलाओं की आकांक्षाओं का समर्थन करता है। उन्होंने आगाह किया कि बढ़ती आकांक्षाओं के साथ बड़ी चुनौतियां भी आती हैं, जिसके लिए ऊर्जा और सही दिशा की आवश्यकता होती है। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के सक्रिय योगदान के बिना भारत की प्रगति अधूरी है।
उन्होंने कहा कि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आधी आबादी के योगदान के बिना न तो धरती खुश रह सकती है और न ही राष्ट्र प्रगति कर सकता है। एनसीडब्ल्यू की भूमिका पर धनखड़ ने आयोग से सनसनी फैलाने के बजाय सूचना के प्रसार और रचनात्मक विचार पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने मीडिया से भी संवेदनशीलता बरतने का आह्वान किया और आगाह किया कि पत्रकारों के लिए सनसनीखेज कहानियां गढ़ना आसान है।
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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की प्रशंसा : धनखड़ ने बजट प्रस्तुतियों में रिकॉर्ड बनाने और महिला नेताओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा को महिलाएं संचालित करेंगी। उन्होंने कहा कि अगर भारत को विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करना है, जो वह करके रहेगा, तो इसके इंजन को हमारी महिलाओं, हमारी बालिकाओं द्वारा संचालित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के तेज विकास ने इसे दुनिया का सबसे महत्वाकांक्षी राष्ट्र बना दिया है। उन्होंने कहा कि जब आप महत्वाकांक्षी होते हैं तो 'ये दिल और मांगता है'।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta