जयपुर। 13 मई, 2008 को गुलाबी नगरी में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के चारों आरोंपियों को शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई गई है। जबकि एक आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। इन धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 176 घायल हुए थे।
खबरों के मुताबिक, विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने शुक्रवार शाम यह फैसला सुनाया। मामले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने दोषी करार दिए गए सभी 4 आरोपियों सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सैफुर रहमान और सलमान को फांसी की सजा सुनाई है।
13 मई, 2008 को शहर के अंदर अलग-अलग जगहों पर 8 सिलसिलेवार धमाके हुए थे, जिनमें 71 लोगों की मौत हो गई थी और 176 घायल हो गए थे। पिछले एक साल में मामले की सुनवाई तेज कर 1 हजार 296 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और अभियोजन और बचाव पक्ष ने सवाल-जवाब भी किए।
चारों आरोपियों को आईपीसी की धारा 302, 307,324, 326, 120 बी, 121ए और 124 ए, 153 ए के तहत दोषी माना गया है। इसके अलावा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 के तहत और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 1 ए और 18 के तहत भी उन्हें दोषी ठहराया है। अदालत ने आरोपी शाहबाज हुसैन को बरी कर दिया क्योंकि उनके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो सके।
ब्लास्ट के चारों आरोपितों को बुधवार को दोषी ठहराए जाने के बाद गुरुवार को सजा के बिंदुओं पर बहस हुई थी। बहस से पहले चारों दोषियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया था। धमाकों के 10 आरोपित थे, जिनमें से 2 सितंबर 2008 में दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए थे और 3 अब भी फरार हैं। बम धमाकों के पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने विशेष कोर्ट गठित की थी।