कोलकाता। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने की मांग करने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शुक्रवार को निंदा की और कहा कि उनका यह बयान संसद का अपमान है।
शहर के एक होटल में आयोजित समारोह में भाग लेने यहां आईं केंद्रीय कपड़ा मंत्री ईरानी ने सीएए को लेकर मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहे जाने पर कहा, (बनर्जी की) टिप्पणी भारतीय संसद का अपमान है। यह विधेयक संसद में पारित किया गया था।
ईरानी ने कहा, मुख्यमंत्री का बयान देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है और देश में कोई भी उनके विचारों से सहमत नहीं होगा। बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए और यदि वह व्यापक मत हासिल करने में विफल रहती है तो उसे सत्ता छोड़नी होगी।
बनर्जी के बयान पर भाजपा के नेतृत्व ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो को सलाह दी है कि वह स्वयं को हंसी का पात्र नहीं बनाएं। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने गुरुवार को कहा था, क्या उन्हें पता है वह क्या कह रही हैं? उन्हें खुद को हंसी का पात्र नहीं बनाना चाहिए। मुझे लगता है कि उनके सलाहकारों ने उन्हें अच्छी सलाह देना बंद कर दिया है।
ममता एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून का कड़ाई से विरोध कर रही हैं। बनर्जी ने 3 विरोध मार्च निकाले हैं और वह अल्पसंख्यक बहुल पार्क सर्कस में एक अन्य रैली को शुक्रवार को संबोधित करेंगी।