नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद से जुड़े मामले में बड़ा मुद्दा यह है कि क्या भारत और चीन पारस्परिक संवेदनशीलता एवं सम्मान पर आधारित रिश्ते बना सकते हैं और क्या बीजिंग उस लिखित प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा जिसमें दोनों पक्षों द्वारा सीमा पर बड़ी संख्या में सशस्त्र बलों की तैनाती नहीं करना शामिल है।
कतर इकॉनोमिक फोरम में ऑनलाइन संबोधन के दौरान जयशंकर ने यह भी साफ किया कि भारत का क्वॉड का हिस्सा बनने और चीन के साथ सीमा विवाद में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि क्वॉड का सदस्यों देशों के बीच वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अपना एजेंडा है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद क्वॉड के अस्तित्व में आने से पूर्व का है। कई मायनों में यह एक चुनौती और समस्या है जोकि क्वॉड से बिलकुल अलग है।
बेशक फिलहाल यहां 2 बड़े मुद्दे हैं जिनमें से एक सैनिकों की तैनाती का मुद्दा है, विशेषकर लद्दाख में। उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पिछले वर्ष मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर सैन्य गतिरोध है। हालांकि, दोनों पक्षों ने कई दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी। फिलहाल दोनों देशों के बीच गतिरोध के बाकी हिस्सों से सैनिकों की वापसी को लेकर बातचीत जारी है।(भाषा)