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जम्मू सीमा पर तनाव, ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा...

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सुरेश एस डुग्गर

, सोमवार, 18 सितम्बर 2017 (19:16 IST)
श्रीनगर। जम्मू सीमा पर पाक सेना द्वारा जबरदस्त गोलाबारी किए जाने के बाद अधिकारियों ने बीसियों गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा है। पाक सेना द्वारा की जा रही मोर्टार के गोलों की बरसात के बीच सोमवार को आज पांचवें दिन भी कई सीमावर्ती गांवों में जनजीवन थमा रहा और लोग पलायन की तैयारी में जुटे रहे।
 
अपने खेतों में फसल रोपने के अभियान के बीच पाक की गोलाबारी ने सीमांत किसानों को अपनी किस्मत को कोसने के लिए मजबूर कर दिया है। गोलाबारी के बीच अपने घरों में दुबके रहे लोग दुआएं कर रहे हैं कि हालात बेहतर हों ताकि परिवार की गुजर बसर के लिए वे खेतों में फसलें लगा सकें। 
 
ग्रामीणों किसानों को वे दिन अच्छी तरह से याद हैं जब पिछले साल धान की कटाई के दिनों में पाकिस्तान ने सीमांत इलाकों में भारी गोलाबारी कर उनके भविष्य को दांव पर लगा दिया था। अब उन्हें यह डर सता रहा है कि गोलाबारी फिर भीषण रूप न ले ले। लोगों को लग रहा है कभी भी पाकिस्तान अपने बड़े हथियारों को प्रयोग कर सकता है। इसी दहशत के साऐ में रहे सीमांत लोगों ने पूरी रात जाग कर बिताई।
 
अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ लगते भारतीय क्षेत्र में किसान पाकिस्तानी रेंजरों के सीधे निशाने पर हैं। गोलाबारी की स्थिति में उनके पास जमीन पर लेट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। आए दिन होने वाली गोलाबारी से परेशान किसान सीमा पर ऐसे बंदोबस्त चाहते हैं जिससे पाकिस्तान चाहकर भी उन्हें निशाना न बना पाएं। किसानों का मानना है कि खेतों से आगे अगर बांध होता तो सीमा पर खेती करना इतना मुश्किल न होता। इस बात का किसानों को भी मलाल है कि आखिर केंद्र सरकार सुरक्षा के प्रति गंभीर क्यों नहीं है।
 
पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरहद के पास काफी ऊंचा बांध बना लिया है। इसी सुरक्षा बांध की आड़ से पाक रेंजर्स भारतीय पोस्टों व किसानों को निशाना बनाकर गोलियां बरसा रहे हैं। सभी भारतीय पोस्टें, बैरकें व बंकर खुले मैदान में हैं व पाक रेंजर्स दूर से सारी गतिविधियों को भांप कर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं।
 
इस गोलाबारी के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों के लोगों में काफी दहशत का माहौल है। सीमावासियों का कहना है कि पाकिस्तान की कथनी व करनी में बहुत फर्क है, इसलिए उस पर भरोसा करना अपने आप से धोखा है। लोगों ने कहा कि एक ओर फ्लैग मीटिंग में संघर्ष विराम का उल्लंघन न करने का वह भरोसा देता है, परंतु उसके दूसरे ही दिन अंधाधुंध गोलीबारी कर देता है। इससे यह सिद्ध होता है कि भारत को उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए। गांव चचवाल के राजू ने कहा कि उनके लिए काफी मुश्किल है। 
 
जिस तरह से पाकिस्तान ने अरनिया सेक्टर में गोलाबारी की है उससे किसान काफी दहशत में है और इससे खेतों में बुबाई पर इसका काफी असर पड़ेगा। बुवाई के समय पर होने वाली गोलाबारी से बचने के लिए सुरक्षाधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा है। बताया जाता है कि ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अधिकारियों को डर है कि पाक सेना गोलाबारी को और तेज कर सकती है।


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