श्रीनगर। जम्मू सीमा पर युद्ध की स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि पाक सेना और पाक रेंजर्स ने मिलकर सीमा से सटे कई गांवों पर मोर्टार और छोटे तोपखानों से गोलों की बरसात की है। नतीजतन कई घरों को क्षति पहुंची है। बीसियों पशुओं की मौत हो गई है तथा कई गांववासी भी जख्मी हुए हैं।
भारतीय पक्ष ने भी जवाबी कार्रवाई कर उस पार भारी तबाही मचाई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाक गोलाबारी के कारण बने हुए दहशतजदा और अफरातफरी के माहौल के बीच भारत की ओर से हजारों अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं और भारतीय सेना को सतर्क कर दिया गया है।
पाकिस्तानी रेंजर्स ने रविवार को भी भारतीय सीमा के कई गांवों पर मोर्टार से हमला किया था, जिससे अंतरराष्ट्रीय सीमा के अरनिया सेक्टर में ग्रामीणों के बीच भय पैदा हो गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने अरनिया सेक्टर तथा आरएस पुरा सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पित्तल और 10 अन्य चौकियों पर गोलाबारी की।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने शनिवार को आधी रात के बाद दो बजे गोलाबारी शुरू की। उन्होंने मोर्टार और छोटे तोपखानों का भी इस्तेमाल किया गया जो रिहायशी इलाके में गिरे, जिसकी चपेट में आ जाने से कई मवेशियों की मौत हो गई। दो लोगों की मौत हो चुकी है तथा दर्जनों अन्य अस्पताल में घायल पड़े हुए हैं। बीएसएफ ने भी जवाबी कार्रवाई की।
गोलाबारी से अरनिया, घराना, सई, काकू दे कोथे आदि इलाकों के कई ग्रामीणों के बीच घबराहट पैदा हो गई है। इन इलाकों में वीरवार तक शांति थी, लेकिन ग्रामीण अपने घरों में रहते थे और खेतों में जाने से बचते थे।
पाक सैनिक अंतरराष्ट्रीय सीमा के अरनिया तथा आरएसपुरा सेक्टर पर एक सप्ताह से युद्धविराम समझौते का उल्लंघन कर रहे हैं, जिससे सीमावर्ती इलाके के ग्रामीण चिंतित हैं। बीएसएफ जवानों ने फायिंरग का मुस्तैदी से जवाब दिया और बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की एक चौकी पर भारी नुकसान हुआ है। बीएसएफ के जवानों ने पाकिस्तान की ओर से चीख-पुकार की आवाजें सुनीं।
इस बीच सीमा पर गोलाबारी के कारण बने हुए अफरातफरी के माहौल के बीच जम्मू सीमा पर बीएसएफ के करीब 2,000 अतिरिक्त जवान और विशेष निगरानी उपकरण तैनात किए गए हैं। पाकिस्तान से लगती सीमा पर खुफिया नेटवर्क, अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय मजबूत करने और विशेष अभियान चलाने के लिए अतिरिक्त कर्मी, निगरानी उपकरण, वाहन और अन्य ढांचागत सहायता भेजी गई है।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील सीमावर्ती चौकियों की संवेदनशीलता का आकलन किया गया है और वहां अतिरिक्त संसाधन तैनात किए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि सीमा पर दबदबे को मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक निगरानी उपकरणों की तैनाती के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जो दिन और रात में देख सकने वाले उपकरणों से लैस हैं।
गृह मंत्रालय ने गश्त, सीमा पर घात लगाने और समूची अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी चौकी स्थापित कर सीमा की 24 घंटे की निगरानी के जरिए सीमा पर प्रभावी प्रभुत्व बनाए रखने के भी निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के नदी खंडों पर बीएसएफ की जल इकाई के वाटर क्राफ्ट्स और स्पीड बोट्स के जरिए गश्त की जा रही है और प्रभुत्व बनाए रखा जा रहा है।