नई दिल्ली। सरकार ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के नये वेतनमान के लिए संबद्ध कानूनों में संशोधनों को बुधवार को मंजूरी दे दी।
इस फैसले से उच्चतम न्यायालय के 31 और उच्च न्यायालयों के 1079 वर्तमान न्यायाधीशों के साथ-साथ करीब ढाई हजार अवकाश प्राप्त न्यायाधीशों को भी लाभ मिलेगा। बढ़ा हुआ वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। कानूनों में संशोधन के लिए संसद के अगले सत्र में विधेयक पेश किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में इस आशय की मंजूरी दी गई। बैठक के बाद विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इसके लिए उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा की शर्तें) कानून 1958 और उच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा की शर्तें) कानून 1954 में संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि संसद के अगले सत्र में दोनों कानूनों में संशोधनों के लिए विधेयक लाए जाएंगे। बकाया वेतन तथा भत्तों का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।
प्रसाद ने बताया कि व्यय विभाग की सिफारिश पर विधि एवं न्याय मंत्रालय ने नये वेतनमान का प्रारूप तैयार किया था। इसके लिए संबद्ध पक्षों से गहन परामर्श किया गया था। मंत्रालय द्वारा तैयार प्रारूप को आज मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। (वार्ता)