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करगिल के हीरो ताशी नामग्याल का निधन, कैसे इस वीर चरवाहे ने युद्ध में की थी भारतीय सेना की मदद

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 21 दिसंबर 2024 (12:17 IST)
tashi namgyal news in hindi : वर्ष 1999 में करगिल सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ किए जाने के बारे में भारतीय सैनिकों को सूचना देने वाले लद्दाख के चरवाहे ताशी नामग्याल का आर्यन वैली में निधन हो गया। वह 58 वर्ष के थे। नामग्याल इस साल की शुरुआत में अपनी बेटी व शिक्षिका शीरिंग डोलकर के साथ द्रास में 25वें करगिल विजय दिवस में शामिल हुए थे।
 
लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, फायर एंड फ्यूरी कोर श्री ताशी नामग्याल का आकस्मिक निधन होने पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है।
 
भारतीय सेना ने लिखा कि एक देशभक्त का निधन हो गया। लद्दाख के वीर - आपकी आत्मा को शांति मिले। श्रद्धांजलि संदेश में 1999 में ‘ऑपरेशन विजय’ के दौरान राष्ट्र के लिए उनके अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला गया और कहा गया कि यह स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा। सेना ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ हैं।
 
कैसे भारतीय सेना के मददगार बने नामग्याल : ताशी नामग्याल वर्ष 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठ के बारे में भारतीय सेना को सचेत करने के बाद चर्चा में आए थे। मई 1999 की शुरुआत में अपने लापता याक की खोज करते समय नामग्याल ने बटालिक पर्वत श्रृंखला के ऊपर पाकिस्तानी सैनिकों को पठानी पोशाक में बंकर खोदते हुए देखा था। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, उन्होंने तुरंत भारतीय सेना को सूचित किया जिसके बाद सेना ने कार्रवाई की।
 
तीन मई से 26 जुलाई 1999 के बीच हुए करगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने तेजी से लामबंद होकर श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर कब्जा करने का पाकिस्तान का गुप्त मिशन विफल कर दिया था। नामग्याल की सतर्कता भारत की जीत में सहायक साबित हुई और उन्हें एक वीर चरवाहे के रूप में पहचान मिली।
edited by : Nrapendra Gupta 

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