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करगिल विजय दिवस : ऑपरेशन सिंदूर को लेकर क्या बोले थलसेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी?

थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किए गए हमलों ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद के समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

करगिल , शनिवार, 26 जुलाई 2025 (12:43 IST)
Kargil Vijay Diwas : थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने करगिल विजय दिवस पर करगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दुश्मन को कड़ा जवाब देना भारत के लिए अब सामान्य बात है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किए गए हमलों ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद के समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। 
 
जनरल द्विवेदी ने विजय दिवस पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के लिए एक संदेश था और साथ ही यह पूरे देश (भारत) को गहरा जख्म देने वाले पहलगाम आतंकवादी हमले का जवाब भी था था। इस बार भारत ने न केवल शोक व्यक्त किया बल्कि यह भी दिखाया कि जवाब निर्णायक होगा।
 
उन्होंने कहा कि देशवासियों द्वारा दिखाए गए विश्वास और सरकार द्वारा दी गई खुली छूट के कारण भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। कोई भी ताकत जो भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने या लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगी, उसे करारा जवाब दिया जाएगा।
 
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने निर्दोषों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना पाकिस्तान में 9 महत्वपूर्ण आतंकवादी ढांचों को नष्ट किया। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाकर निर्णायक जीत हासिल की। 
 
सेना प्रमुख ने कहा कि 8 और 9 मई को पाकिस्तानी कार्रवाई का प्रभावी ढंग से जवाब दिया गया। हमारी सेना की वायु रक्षा एक अभेद्य दीवार की तरह खड़ी रही जिसे कोई भी मिसाइल या ड्रोन भेद नहीं सका।
 
जनरल द्विवेदी ने कहा कि रुद्र ब्रिगेड की स्थापना की जा रही है। इसके तहत हमारे पास एक ही स्थान पर पैदल सेना, मशीनीकृत पैदल सेना, बख्तरबंद इकाइयां, तोपखाने, विशेष बल और मानव रहित हवाई इकाइयां होंगी जो साजो-सामान और युद्ध संबंधी सहायता प्रदान करेंगी। सेना ने एक विशेष बल ‘भैरव लाइट कमांडो’ इकाई का गठन किया है जो सीमा पर दुश्मन को चौंकाने के लिए हमेशा तैयार है।
 
उन्होंने कहा कि हर पैदल सेना बटालियन में अब एक ड्रोन पलटन है। तोपखाने में ‘शक्तिबाण रेजिमेंट’ का गठन किया गया है, जो ड्रोन, ड्रोन रोधी उपकरणों और आत्मघाती ड्रोन से लैस होगी। आगामी दिनों में सेना की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि सेना की वायु रक्षा प्रणालियों को स्वदेशी मिसाइलों से लैस किया जा रहा है।
edited by : Nrapendra Gupta 
 

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