नई दिल्ली। कर्नाटक में जारी सत्ता का संघर्ष शुक्रवार को एक बार फिर शीर्ष अदालत की चौखट पर पहुंच गया। कर्नाटक कांग्रेस ने जहां न्यायालय के 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण मांगा है, वहीं मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विश्वास मत प्रक्रिया अपराह्न डेढ़ बजे तक पूरी करने के राज्यपाल वजू भाई वाला के आदेश को चुनौती दी है।
कर्नाटक कांग्रेस ने अपनी याचिका में कहा है कि न्यायालय के 17 जुलाई के आदेश की वजह से पार्टी का अपने विधायकों को व्हिप जारी करने का अधिकार खतरे में पड़ गया है। यह याचिका कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने दायर की है।
गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि बागी विधायकों को बहुमत परीक्षण की कार्यवाही में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने या न लेने की छूट दी थी।
याचिका में दावा किया गया है कि खंडपीठ के आदेश से अपने विधायकों को व्हिप जारी करने का राजनीतिक दल का अधिकार कमजोर हुआ है। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से इस आदेश पर स्पष्टीकरण जारी करने का अनुरोध किया है।
कुमारस्वामी ने राज्यपाल वजू भाई के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें राज्यपाल ने सरकार को शुक्रवार को अपराह्न डेढ़ बजे तक विश्वास मत प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। इस बीच, राज्यपाल ने दूसरा पत्र भी सरकार को भेजा है, जिसमें उन्होंने यह समय सीमा 6 बजे तक बढ़ा दी है।