बेंगलुरु। कर्नाटक चुनाव के बाद आए ज्यादातर चुनावी सर्वेक्षणों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। कुछ चैनल भाजपा को बढ़त का दावा कर रहे हैं तो कुछ चैनलों का दावा है कि कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरेगी। लेकिन किसी को भी स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिखाई दे रहा है।
ऐसे में यहां जदएस किंगमेकर के रूप में उभरता दिखाई दे रहा है। सबकी नजरें अब इस बात पर लगी हुई है कि कर्नाटक में किस दल की सरकार बनेगी, जदएस की इसमें क्या भूमिका होगी। हालांकि असली तस्वीर तो 15 मई को मतगणना में ही सामने आएगी।
राजनीतिक हल्कों में कयास लगाए जा रहे हैं कि जदएस को साधकर भाजपा यहां भी अपनी सरकार बनाने में सफल होगी। बहरहाल कुछ जदएस नेताओं का मानना है कि पार्टी कांग्रेस का समर्थन करेगी और सिद्धारमैया ही दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे।
हालांकि दोनों ही दलों को विश्वास है कि कर्नाटक में उनकी ही सरकार बनेगी। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने ट्वीट कर कहा कि हमने यह चुनाव पांच वर्ष के अपने कार्य और राज्य के लिए अपनी दृष्टि के आधार पर लड़ा। मुझे विश्वास है कि कर्नाटक के लोग हमें इसके लिए आशीर्वाद देंगे कि हम उनकी सेवा करना जारी रखें।
इस बीच भाजपा प्रदेश प्रमुख और उसके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा ने भी दावा किया कि उनकी पार्टी जनता के समर्थन से भारी जीत की ओर बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में 70 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 1985 के बाद कर्नाटक में किसी भी दल की दोबारा सरकार नहीं बनी है।