नई दिल्ली। पाकिस्तान में स्थित सिखों के सबसे पूजनीय तीर्थस्थलों तक जाने के लिए करतारपुर साहिब गलियारे को बुधवार से दोबारा खोला जाएगा। कोविड-19 के प्रकोप के बाद मार्च 2020 से रुकी हुई तीर्थयात्रा को फिर से शुरू करने की घोषणा गुरु नानक देव की जयंती से 3 दिन पहले की गई।
करतारपुर गलियारा सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के अंतिम विश्राम स्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब, पाकिस्तान को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ता है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह फैसला गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय के प्रति नरेन्द्र मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह फैसला गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है।
गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र 19 नवंबर को श्री गरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है और उन्हें विश्वास है कि यह कदम देश भर में खुशी और उत्साह को और बढ़ाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र के फैसले का स्वागत किया और कहा कि राज्य मंत्रिमंडल उस जत्थे का हिस्सा होगा जो 18 नवंबर को पाकिस्तान में गुरुद्वारे का दौरा करेगा।
चन्नी के साथ ही कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी केंद्र के इस कदम की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि भारत ने 24 अक्टूबर, 2019 को पाकिस्तान के साथ करतारपुर गलियारा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत, सभी धर्मों के भारतीय तीर्थयात्रियों को 4.5 किलोमीटर लंबे मार्ग के माध्यम से साल भर वीजा मुक्त यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। नवंबर 2019 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गलियारे का उद्घाटन किया था।