नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को 23 से 31 जुलाई तक ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका की यात्रा करने की सोमवार को अनुमति प्रदान कर दी। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उन्हें उन्हीं शर्तों का पालन करना होगा जो पहले के आदेश में लगाई गई थीं।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने कार्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के इस कथन पर विचार किया कि वह व्यक्तिगत कारणों से इन देशों की यात्रा चाहते हैं और उन्हें कुछ शर्तों के साथ इसकी अनुमति दी जाए।
पीठ ने कहा कि कार्ति को विदेश से लौटने पर अपना पासपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय के पास जमा कराना होगा। कार्ति एयरसेल - मैक्सिस सौदा, आईएनएक्स मीडिया और धनशोधन जैसे मामलों में कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्यायालय द्वारा कार्ति की पहले की यात्राओं में लगाई गई शर्तें प्रभावी रहने दी जानी चाहिए।
पीठ ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया। इससे पहले न्यायालय ने कार्ति को कुछ शर्तों के साथ विदेश जाने की अनुमति दी थी। इसमें यह शर्त भी थी कि वे विदेश में कोई भी बैंक खाता खोलेंगे या बंद नहीं करेंगे। कार्ति के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और जांच ब्यूरो कई मामलों की जांच कर रहा है।
इनमें से एक आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी से संबंधित मामला भी शामिल है। यह मंजूरी उस समय दी गई थी जब उनके पिता पी. चिदंबरम केन्द्र में वित्तमंत्री थे। (भाषा)