जम्मू। क्या आपको पता है दुनिया का सबसे ऊंचा गंडोला और स्की प्वाइंट कहां है? क्या आपको पता है दुनिया का सबसे ऊंचा रेस्तरां कहां है? क्या आपको पता है दुनिया का सबसे बड़ा इग्लू कैफे कहां है? गंडोला और स्की प्वाइंट तो गुलमर्ग के अफारवत पर्वत पर स्थित हैं और यहीं पर समुद्रतल से 14000 फुट की ऊंचाई पर रेस्तरां भी है जबकि विश्व का सबसे बड़ा इग्लू कैफे भी यहीं पर है।
गुलमर्ग का गंडोला विश्व का सबसे ऊंचा और एशिया का सबसे लम्बा रोप वे है। इसके अंतिम स्थान अफारवत पर्वत पर विश्व का सबसे ऊंचा स्की प्वाइंट भी है जहां सारा साल स्कीइंग होती है। ऐसे में रेस्तरां की जो कमी थी वह भी पूरी हो चुकी है जबकि अब यहां पर बनाया गया दुनिया का सबसे बड़ा इग्लू कैफे भी नया रिकार्ड बना चुका है। यही कारण है कि कश्मीर आने वाले टूरिस्टों का टारगेट डेस्टिनेशन गुलमर्ग ही होता है।
गुलमर्ग में बनाया गए 34 फीट ऊंचे इस इग्लू का व्यास 44 फीट है। इसमें एक साथ करीब तीन दर्जन लोग आराम से बैठकर चाय नाश्ते का आनंद ले सकते हैं। यह इग्लू कोल्हाई ग्रुप आफ होटल्स एंड रिसार्ट ने बनाया है। पिछले साल भी इसी समूह ने गुलमर्ग में इग्लू कैफे तैयार किया था और उसकी ऊंचाई 12.5 फीट और व्यास 22 फीट था। पिछले साल बनाए गए इग्लू में 16 मेहमान ही एक समय में बैठ सकते थे। इसके निर्माता इसे विश्व का सबसे बड़ा इग्लू कैफे बता रहे हैं और इसे गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल कराने के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने में जुटे हैं।
कोलहाई ग्रीन गुलमर्ग के महाप्रबंधक हामिद मसूदी ने बताया कि इग्लू में मेहमान सिर्फ एक घंटे तक ही समय बिता पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा इग्लू कैफे दुनिया का सबसे बड़ा इग्लू कैफे है, यह हमारा दावा है। हम इसे गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी शामिल कराने का प्रयास कर रहे हैं। हमने गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स के अधिकारियों के साथ संपर्क साधा है। उन्होंने कहा कि यह गुलमर्ग आने वाले पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का एक बड़ा केंद्र है।
मसूदी ने कहा कि हमने बीते साल भी इग्लू कैफे तैयार किया था। इस वर्ष भी हमने बनाया है, लेकिन यह पहले बनाए गए इग्लू से बड़ा है। सैयद वसीम शाह के नेतृत्व में 20 लोगों की टीम ने इसे लगभग दो माह में तैयार किया है। इसे हमने शुक्रवार शाम को पर्यटकों के लिए खोला है।
कुर्सियां और मेज समेत सभी चीजें बर्फ से ही तैयार की गई हैं। किसी को बैठने में दिक्कत न हो, इसलिए कुर्सियों पर भेड़ की खाल बिछाई गई है। अंदर इसमें कश्मीर की झलक मिले, हमने कश्मीरी दस्तकारी का सामान, तांबे से बना समावार भी सजाया गया है। लोगों में इसे लेकर बहुत उत्साह है और कई लोगों ने इसके लिए पहले ही बुकिंग करा रखी है। हम इसे इस माह के अंत तक चलाएंगे।