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Indian Railways : क्या ट्रेन दुर्घटनाओं को रोक पाएगा कवच का नया Edition 4.0

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , रविवार, 23 जून 2024 (18:50 IST)
train accidents in india : भारतीय रेलवे ने स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच का नया और अधिक सक्षम एवं प्रभावशाली संस्करण कवच 4.0 विकसित किया है तथा परीक्षण के बाद इसे शीघ्र ही लगाना शुरू किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कवच की प्रगति की समीक्षा की जिसमें अधिकारियों ने कवच के संस्करण 4.0 की प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया।
 
रेल मंत्री को बताया गया कि कवच के सभी तीन अनुमोदित निर्माता संस्करण 4.0 के परीक्षण के उन्नत चरण में हैं। श्री वैष्णव ने निर्देश दिया कि कवच 4.0 तैयार होते ही सभी लोको पर मिशन मोड में योजनाबद्ध तरीके से कवच की स्थापना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंस्टालेशन की प्रक्रिया में मौजूद मौजूदा सिस्टम को भी कवच ​​4.0 में अपग्रेड किया जाएगा।
 
स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) कवच का विकास रेलवे सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अस्सी के दशक में दुनिया की अधिकांश प्रमुख रेलवे प्रणालियां एटीपी में स्थानांतरित हो गईं। भारतीय रेलवे ने 2016 में ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली के पहले संस्करण की मंजूरी के साथ यह यात्रा शुरू की थी। वर्ष 2019 में सुरक्षा प्रमाणन के उच्चतम स्तर एसआईएल-4 को प्राप्त करने के लिए सिस्टम का परीक्षण किया गया था।
भारतीय रेलवे अलग अलग प्रकार के ट्रैक वाले नेटवर्क संचालित करता है। विभिन्न परिदृश्यों का अध्ययन करने और उन्हें सुरक्षा प्रणालियों में शामिल करने की आवश्यकता है क्योंकि एक ट्रेन रेलवे नेटवर्क पर कहीं भी यात्रा कर सकती है। इस प्रणाली को 2020 में राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के रूप में अनुमोदित किया गया था। कोविड काल के बावजूद, आगे का परीक्षण और विकास जारी रहा।
2021 में, सिस्टम के संस्करण 3.2 को प्रमाणित और क्रियान्वित किया गया था और 2022 की अंतिम तिमाही में दिल्ली - मुंबई और दिल्ली - हावड़ा के उच्च घनत्व वाले मार्गों पर काम शुरू किया गया था। अभी जो संस्करण लगाया जा रहा है, वह कवच 3.2 है।
 
किसी भी एटीपी प्रणाली को कार्य करने के लिए पांच उपप्रणालियों की आवश्यकता होती है। रेलवे पटरियों के किनारे ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, रेलवे पटरियों के किनारे टावर और रेडियो उपकरण, रेलवे पटरियों पर आरएफआईडी टैग लगाना, रेलवे स्टेशनों पर डेटा सेंटर और सिग्नलिंग प्रणाली के साथ एकीकरण तथा प्रत्येक ट्रेन और लोकोमोटिव पर कवच स्थापित करना।
कवच वर्जन 4.0 के विकास और इसके प्रमाणन के बाद, रेलवे मिशन मोड में कवच को लगाने को गति देगी। इस समय कई निर्माता इस प्रणाली को विकसित कर रहे हैं जो विकास के विभिन्न चरणों में हैं। एक सुरक्षा प्रणाली होने के नाते, कवच अनुमोदन को प्रमाणित होने से पहले अंतरराष्ट्रीय मानकों पर सावधानीपूर्वक परीक्षण की आवश्यकता होती है।  एजेंसियां

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