नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा किए गए एक ऑडिट में पराली प्रबंधन में पूसा बायो-डीकंपोजर का उपयोग अत्यधिक प्रभावी पाया गया है, जो एक माइक्रोबियल घोल है। केजरीवाल ने साथ ही केंद्र से आग्रह किया कि वह पड़ोसी राज्यों से इसे किसानों को मुफ्त में वितरित करने के लिए कहे।
केजरीवाल ने कहा कि अक्टूबर में पड़ोसी राज्यों द्वारा पराली जलाना दिल्ली में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के पीछे एक प्रमुख कारक है। केजरीवाल ने कहा कि किसानों की गलती नहीं है। सरकारों की गलती है, क्योंकि उन्हें समाधान पेश करना था। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिल्ली सरकार ने बायो-डीकंपोजर मुफ्त में वितरित किया जिसका उपयोग किसानों ने 39 गांवों में 1,935 एकड़ भूमि पर पराली को खाद में बदलने के लिए किया। केंद्र सरकार की एक एजेंसी डब्ल्यूएपीसीओएस द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में बायो डीकंपोजर के उपयोग पर बहुत उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 90 प्रतिशत किसानों ने दावा किया कि घोल 15-20 दिनों में पराली को खाद में बदल देता है। उन्होंने कहा कि साथ ही मिट्टी में कार्बन की मात्रा 40 फीसदी, नाइट्रोजन 24 फीसदी, बैक्टीरिया 7 गुना और फंगस 3 गुना बढ़ गया। गेहूं के अंकुरण में भी 17-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हम केंद्र से अपील करते हैं कि वह राज्यों से कहे कि वे किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए बायो-डीकंपोजर मुफ्त में बांटें। वे ऑडिट रिपोर्ट के साथ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मुलाकात करेंगे और मामले में उनके निजी हस्तक्षेप का अनुरोध करेंगे।(भाषा)