नई दिल्ली। कोरोना से हुई मौत को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि अगर किसी मरीज की मौत हॉस्पिटल या घर में कोविड-19 पॉजिटिव होने के 30 दिन के भीतर हो जाती है तो उसके डेथ सर्टिफिकेट पर मौत की वजह कोविड-19 ही बताई जाएगी। इस आशय की जानकारी सुप्रीम कोर्ट में एक एफेडेविट फाइल करके केंद्र सरकार ने दी और इसकी गाइडलाइन भी उसके द्वारा जारी कर दी गई है कि किन मरीजों की मौत को कोरोना डेथ माना जाएगा।
कोविड से मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया था कि डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया आसान बनाए और इसके लिए गाइडलाइंस जारी करे। कोर्ट ने इसके अलावा नई गाइडलाइन की रिपोर्ट को 11 सितंबर को कोर्ट के सामने पेश करने का भी निर्देश दिया था। 30 जून को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि जिन लोगों की मौत कोरोना की वजह से हॉस्पिटल या कहीं और भी हुई है, उन्हें कोविड-19 से हुई मौतें मानने का विचार किया जाए। इसके साथ ही सरकार को इस पर स्पष्ट रूपरेखा बनाने का भी निर्देश दिया था।
आरटीपीसीआर टेस्ट या एंटीजन टेस्ट या फिर क्लिनिकल तरीके से टेस्टिंग में पुष्टि होने पर ही नई कोविड डेथ की गाइडलाइंस के मुताबिक कोविड का रोगी माना जाएगा। इसके अलावा अगर मौत का कारण जहर, आत्महत्या या एक्सिडेंट है तो उसे कोविड डेथ नहीं माना जाएगा चाहे कोविड टेस्ट में इसकी पुष्टि हुई भी हुई हो।