Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

समय बड़ा बलवान है, आज आपकी सरकार है, कल हमारी हो सकती है, फिर LG भी हमारा होगा, लेकिन...

हमें फॉलो करें समय बड़ा बलवान है, आज आपकी सरकार है, कल हमारी हो सकती है, फिर LG भी हमारा होगा, लेकिन...
, मंगलवार, 17 जनवरी 2023 (14:15 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच जारी खींचतान के बीच मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि समय बड़ा बलवान होता है, दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं होता। कोई यह सोचे कि मेरी सरकार बन गई है तो हमेशा मेरी ही होगी। जो आज है हो सकता है, कल न रहे। आज आपका एलजी है, हो सकता है कल एलजी हमारे हों। 
 
दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं : दरअसल, उपराज्यपाल सक्सेना द्वारा फाइलों को अटकाने के मुद्दे पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए मुख्‍यमंत्री केजरीवाल ने सदन में कहा कि दुनिया में कुछ भी परमानेंट नहीं होता। कोई यह सोचे कि मेरी सरकार बन गई है और अब यह हमेशा रहेगी। केन्द्र में उनकी सरकार है, उनका एलजी है। आज उनकी सरकार है। कल है, परसों है, लेकिन अगले दिन यानी कभी न कभी तो बदलेगी। 
 
केजरीवाल ने कहा कि भगवान ने चाहा तो हो सकता है आने वाले समय में केन्द्र में हमारी सरकार हो, हमारे एलजी हों और दिल्ली में हो सकता है हमारी, भाजपा की, कांग्रेस की या किसी अन्य दल की सरकार हो। तब हमारा एलजी ऐसा नहीं करेगा। हम जनतंत्र की इज्जत करते हैं, हम संविधान की इज्जत करते हैं। 
मैं चाहता हूं दिल्ली के बच्चों को मिले अच्छी शिक्षा : उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली के सभी बच्चों को अपने बच्चों- पीयूष और हर्षिता जैसा ही समझता हूं। मैं चाहता हूं सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। हमने इसके लिए दिल्ली में शानदार स्कूल बनाए हैं। स्कूलों के नतीजे भी अच्छे आ रहे हैं। लोग प्रायवेट स्कूलों से बच्चों को निकालकर सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं। अच्छे नतीजों के लिए टीचर्स और प्रिंसिपल्स का योगदान सबसे ज्यादा है। हम चाहते हैं कि दिल्ली के टीचर्स को अच्छी से अच्छी ट्रेनिंग मिले। इसके लिए हमने उन्हें अलग-अलग विश्वविद्यालयों के साथ ही विदेशों में भी ट्रेनिंग के लिए भेजा था। 
 
केजरीवाल ने कहा कि हम अभी दिल्ली के टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना चाहते थे, लेकिन एलजी ने एक बार नहीं दो बार फाइल को अटकाया। अजीब जनतंत्र है हमारा। जब मुख्‍यमंत्री और शिक्षामंत्री ने कह दिया तो बात फाइनल होनी चाहिए, लेकिन फाइलें जब एलजी साहब के पास जाती हैं तो उन्हें अटका दिया जाता है। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मंदी पर फिसली मंत्री की जुबान, कांग्रेस का सवाल- प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री क्या छिपा रहे हैं?