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इराक में मारे गए 39 भारतीय बदनसीबों की खौफनाक कहानी..

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, मंगलवार, 20 मार्च 2018 (20:09 IST)
इराक में रोजी की तलाश में गए मासूम भारतीयों को अगवा कर निर्मम आतंकी संगठन ISIS ने लगाए लाशों के ढेर, तबाही की इस जंग में जब भारत के अधिकारी उन्हें ढूंढते हुए पहुंचे तो सामूहिक कब्र में मिले मोसूल के अगवा भारतीय... यह है इराक में भारत के नागरिकों के खौफनाक अंत की दर्दनाक दास्तान...


आइए, जानते हैं कि कैसे और किन परिस्थितियों में इन बदनसीबों के दुखद अंत के बारे में पता चला। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा ने बताया कि उन्हें एक रसोइए से पता चला कि इराक में आईएसआईएस ने इन 40 भारतीयों को अगवा किया था। इस शख्स ने खुद को अली बताते हुए फोन कर बताया कि वह बांग्लादेशी है और उसे आईएसआईएस के आदेशानुसार बांग्लादेश भेजा जाना चाहिए।

सुषमा ने बताया कि हरजीत मसीह ने उन्हें इरबिल से फोन किया था लेकिन उसने यह नहीं बताया कि वह वहां कैसे पहुंचा। वह केटरर द्वारा लाई गई वैन में खुद को बांग्लादेश का मुस्लिम नागरिक अली बताकर बच निकला। पर अगले दिन गिनती होने पर एक भारतीय कम मिला तो आईएसआईएस ने सभी अगवा भारतीयों को बदूश भेज दिया।

जब जमीन पर सोए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह : उन्होंने बताया कि मोसुल से आईएसआईएस के सफाए के बाद विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह लापता भारतीयों की खोज में वहां गए। कपड़ा फैक्टरी और केटरर से सुराग मिलने के बाद सिंह इराक में भारतीय राजदूत और एक इराकी अधिकारी के साथ बदूश की जेल भी गए।

लापता भारतीयों की खोज की तमाम कोशिशों के लिए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह की सराहना करते हुए सुषमा ने कहा कि बदूश में तीनों को खोज के दौरान एक छोटे से मकान में जमीन पर सोना पड़ा था। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों से सामूहिक कब्र का पता चला, जहां से शव खोदकर निकाले गए और मार्टायर्स फाउंडेशन से इनकी प्राथमिकता के आधार पर डीएनए जांच करने का अनुरोध किया गया।

सुषमा ने कहा कि सबूत जुटाना बहुत ही मुश्किल था। सामूहिक कब्रों में शवों का ढेर था और इनमें से अपने लोगों के शवों का पता लगाना, उन्हें जांच के लिए बगदाद भेजना आसान नहीं था। विदेश मंत्री ने शवों का पता लगाने के लिए डीप पेनिट्रेशन राडार मुहैया कराने, शवों को खोदकर निकालने और डीएनए जांच के लिए उन्हें बगदाद भेजने में सहयोग के लिए इराकी अधिकारियों का भी शुक्रिया अदा किया।

उन्होंने बताया कि विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह विशेष विमान से पार्थिव अवशेषों को भारत लाने के लिए इराक जाएंगे और उन्हें परिजनों के हवाले किया जाएगा। मारे गए भारतीयों में से 31 पंजाब के और चार हिमाचल प्रदेश के थे।

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