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क्यों चर्चा में है पाकिस्तान का किराना हिल्स, क्या इसी तोते में बसती है पाकिस्तान की जान

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 13 मई 2025 (13:39 IST)
kirana hills news in hindi: हाल के दिनों में, पाकिस्तान की 'किराना हिल्स' नाम अचानक से चर्चा में आ गया है। सोशल मीडिया पर इसकी खूब बातें हो रही हैं, खासकर भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद। तो आखिर यह किराना हिल्स क्या है? यह कहां स्थित है? और पाकिस्तान के लिए इसका इतना महत्व क्यों है? आइए, इन सवालों के जवाब तलाशते हैं।

किराना हिल्स क्या है और कहां स्थित है?
किराना हिल्स, जिसे स्थानीय रूप से 'काला पहाड़' भी कहा जाता है, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में स्थित एक विस्तृत पथरीली पहाड़ी श्रृंखला है। यह लगभग 68 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है और इसकी सबसे ऊंची चोटी लगभग 320 मीटर (1050 फीट) ऊंची है। यह सरगोधा शहर और राबवाह (अब चनाब नगर) के बीच फैली हुई है। भूवैज्ञानिक रूप से, किराना हिल्स की चट्टानें आसपास के अन्य पहाड़ी क्षेत्रों से भिन्न हैं, जिनमें मुख्य रूप से कठोर शेल और स्लेट शामिल हैं।

पाकिस्तान के लिए किराना हिल्स का महत्व:
किराना हिल्स पाकिस्तान के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र है, जिसके कई सामरिक कारण हैं:
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय का क्षेत्र: 1970 के दशक से, किराना हिल्स पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण में है और इसे एक प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। यहां पाकिस्तान वायु सेना का एक महत्वपूर्ण रडार स्टेशन स्थापित है, जो आज भी सक्रिय है और देश की हवाई सुरक्षा प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। यह क्षेत्र मुशाफ एयर फोर्स बेस, सरगोधा का भी एक हिस्सा है।

संभावित परमाणु हथियार भंडारण: किराना हिल्स को लेकर लंबे समय से यह अटकलें लगाई जाती रही हैं कि इसकी पहाड़ियों के भीतर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का भंडारण किया जाता है। माना जाता है कि पहाड़ियों में बनी मजबूत गुफाओं और सुरंगों का इस्तेमाल परमाणु युद्ध सामग्री को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। हालांकि, पाकिस्तान ने कभी भी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है।


उप-क्रिटिकल परमाणु परीक्षण स्थल: कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, 1980 और 1990 के दशक के दौरान किराना हिल्स का इस्तेमाल पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के तहत उप-क्रिटिकल (सबक्रिटिकल) परमाणु परीक्षणों के लिए भी किया गया था। इन परीक्षणों का उद्देश्य परमाणु हथियारों के डिजाइन और प्रदर्शन को समझना था।

रणनीतिक अवस्थिति: किराना हिल्स सरगोधा एयरबेस से लगभग 20 किलोमीटर और कुशाब परमाणु संयंत्र से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी यह रणनीतिक अवस्थिति इसे पाकिस्तान की रक्षा संरचना के लिए और भी महत्वपूर्ण बनाती है।

सुरंगों का नेटवर्क: ऐसा माना जाता है कि किराना हिल्स के भीतर सुरंगों का एक व्यापक नेटवर्क मौजूद है, जिसे विशेष विकास कार्यों (Special Works Development - SWD) इकाई द्वारा बनाया गया है। इन सुरंगों को उच्च प्रभाव वाले विस्फोटों को झेलने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इनमें परमाणु हथियारों और मिसाइलों को छिपाकर रखने की क्षमता है।


हाल ही में, भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाहें फैली थीं कि भारतीय सेना ने किराना हिल्स को भी निशाना बनाया है। हालांकि, भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने इन दावों का खंडन किया है। फिर भी, इस घटनाक्रम ने किराना हिल्स के सामरिक महत्व और पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था में इसकी भूमिका को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है।


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