देश के ज्यादातर हिस्से जैसे- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मुजफ्फराबाद, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश शीतलहर की चपेट में हैं। मौसम विभाग के मुताबिक जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है और यही स्थिति कम से कम 2 दिन रहती है तब शीतलहर शुरू हो जाती है। आइए, जानते हैं शीतलहर और गंभीर ठंड में क्या अंतर है...
खबरों के अनुसार, देश के ज्यादातर हिस्से इस समय शीतलहर की चपेट में हैं, वहीं कहीं-कहीं तो गंभीर ठंड से लोग परेशान हैं, जहां पारा शून्य से नीचे चला गया है। अगले 3 दिनों तक शीतलहर से किसी तरह के राहत न मिलने का अनुमान जताया है।
मैदानी और पहाड़ी इलाकों के लिए शीतलहर के पैमाने अलग-अलग हैं। मैदानी इलाकों में अगर किसी मौसम स्टेशन पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे या फिर यह सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो तो ये स्थिति शीतलहर कहलाएगी।
वहीं दूसरी ओर अगर मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान गिरकर 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए या फिर न्यूनतम तापमान में सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गिरावट दिखे तो यह सीवियर कोल्ड वेव यानी गंभीर शीतलहर कही जाएगी।
जबकि न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो और अधिकतम तापमान में 6.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गिरावट दर्ज हो तो सीवियर कोल्ड डे यानी 'गंभीर ठंड वाला दिन' कहलाता है। वहीं पहाड़ी इलाकों में अगर न्यूनतम तापमान शून्य या उससे नीचे हो जाए तो कोल्ड वेव यानी गंभीर शीतलहर मानी जाती है।