kolkata doctor case : पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने बुधवार रात बड़ी कार्रवाई की।
सरकार के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रिंसिपल के पद से डॉ. सुहृता पॉल को बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा अस्पताल के अधीक्षक और चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष को भी बर्खास्त कर दिया गया। यह घटनाक्रम तब हुआ जब अस्पताल में 31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ छात्रों ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय की ओर मार्च किया।
बुधवार को भी प्रदर्शन : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के खिलाफ जारी जूनियर डॉक्टर के आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को शहर और उसके बाहर सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं, इसके चलते पश्चिम बंगाल में जन स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह प्रभावित रही।
सीबीआई ने की पूर्व प्राचार्य से पूछताछ : सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से लगातार छठे दिन पूछताछ की। एजेंसी के अधिकारियों ने अस्पताल के कई अन्य शीर्ष अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया है, जिसमें अस्पताल की वर्तमान अधीक्षक एवं उप-प्राचार्य बुलबुल मुखोपाध्याय भी शामिल हैं।
मुखोपाध्याय पहले छात्र मामलों की डीन के रूप में काम कर चुकी हैं।
हाईकोर्ट में अनियमितता को लेकर याचिका : सूत्रों ने बताया कि एजेंसी द्वारा गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को अपनी जांच प्रगति रिपोर्ट सौंपने से एक दिन पहले, जांचकर्ता घोष के बयानों में पाई गई कई विसंगतियों की जांच करने की कोशिश कर रहे हैं।
अनियमितता को लेकर आरोप : आरजी कर के एक पूर्व उप अधीक्षक ने बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया और उन्होंने घोष के खिलाफ ईडी जांच की मांग करते हुए, अस्पताल में उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया। अदालत ने डॉ. अख्तर अली को याचिका दायर करने की अनुमति दी, जिस पर इस सप्ताह के अंत में सुनवाई होने की संभावना है। अली ने पहले दावा किया था कि उन्होंने घोष के खिलाफ 2023 में राज्य सरकार के समक्ष कई शिकायतें दर्ज कराई थीं जिसके बाद उनका तबादला कर दिया गया। इनपुट भाषा