कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वे 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोहों के तहत अगले साल 15 अगस्त को दार्शनिक और क्रांतिकारी नेता ऋषि अरबिंदो की जयंती मनाने के तरीकों पर चर्चा के लिए केंद्र द्वारा 24 दिसंबर को बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगी।
उनका फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की ऑनलाइन बैठक के दौरान बनर्जी को बोलने का मौका नहीं दिए जाने के एक दिन बाद आया है। बनर्जी सरकारी अधिकारियों, शिक्षाविदों और प्रमुख हस्तियों की एक बैठक को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि अगर स्वतंत्रता दिवस समारोहों पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में बोलने की अनुमति दी जाती तो वह अपने सुझाव (इनपुट) देतीं। उन्होंने मुख्य सचिव एचके द्विवेदी से कहा कि हर चीज का राजनीतिकरण करना सही नहीं है। मैं कल की बैठक में शामिल नहीं हो पाऊंगी क्योंकि हमने पहले ही ऋषि अरबिंदो पर कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर ली है।
कृपया पत्र लिखकर सूचित करें कि मैं (बैठक में) भाग नहीं लूंगी। इससे पहले बैठक में मौजूद प्रख्यात चित्रकार जोगेन चौधरी ने मुख्यमंत्री के साथ किए गए व्यवहारका विरोध किया और कहा कि यह बंगाल का अपमान है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कवि जॉय गोस्वामी ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री ने कई स्तरों पर इतिहास को विकृत करने के कथित प्रयासों की भी निंदा की।
बनर्जी ने कहा कि किसी की विचारधारा जो भी हो, इतिहास को उसके कथन के अनुरूप नहीं बदला जा सकता है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती और महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर अगले महीने कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।