सीबीआई ने संदीप घोष से कई सवाल पूछे हैं। उनसे पूछा गया कि घटना के बारे में आपको जानकारी कब मिली? आप कितने समय अस्पताल पहुंचे। आपको किसने घटना के बारे में जानकारी दी? उनसे सवाल किए गए कि उन्होंने परिवार को सूचित करने का निर्देश किसे दिया था तथा कैसे और किसने पुलिस से संपर्क किया था।
पूर्व प्राचार्य को चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी भूमिका स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि उन्होंने किससे संपर्क किया और (पीड़िता के) माता-पिता को करीब 3 घंटे तक का इंतजार क्यों कराया? पूर्व प्राचार्य से यह भी पूछा गया कि घटना के बाद अस्पताल की आपातकालीन इमारत के सेमीनार हॉल के पास कमरों की मरम्मत का आदेश किसने दिया था?
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घोष से साप्ताहिक रोस्टर के बारे में भी पूछा गया, जिसके अनुसार पीड़िता की 36 घंटे या कभी-कभी 48 घंटे तक की ड्यूटी लगाई गई थी। बताया जा रहा है कि उन्होंने कुछ जवाब घुमा-फिराकर दिए। यह पता लगाया जा रहा है कि क्या अपराध के पीछे कोई साजिश थी या पहले से इसकी योजना बनाई गई थी। प्राचार्य क्या कर रहे थे और क्या वह किसी भी तरीके से घटना में शामिल हैं।
गौरतलब है कि महिला डॉक्टर का शव 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था। पुलिस ने घटना के अगले ही दिन इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार के बाद हत्या की पुष्टि हुई।
घोष ने 9 अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिलने के 2 दिन बाद प्राचार्य पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने ऊपर हमले का डर जताया था, जिसके बाद उनके वकील ने कलकत्ता उच्च न्यायालय से सुरक्षा मांगी थी।
edited by : Nrapendra Gupta