प्रयागराज। वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस में शामिल होने के बाद बृहस्पतिवार को कुंभ मेला देखने पहुंचे प्रवासी भारतीय यहां सरकार की ओर से किए गए आतिथ्य सत्कार से अभिभूत हैं।
ऑस्ट्रेलिया से आए मनीष राज ने यहां अरैल स्थित इंद्रप्रस्थम टेंट सिटी में कहा, मैं काशी में पैदा हुआ और पला-बढ़ा हूं। मैं 25 वर्षों से ऑस्ट्रेलिया में हूं और वर्षों बाद काशी आने का मौका मिला। वहां लोगों का आतिथ्य देखकर बहुत अच्छा लगा।
उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार ने प्रवासी भारतीयों को काशी से प्रयागराज लाने, उन्हें कुंभ मेला घुमाने और फिर यहां से दिल्ली ले जाने की व्यवस्था की है। राज ने कहा, खाने पीने से लेकर हर व्यवस्था अच्छी रही। ऑस्ट्रेलिया से करीब 100 प्रवासी भारत आए हैं।
मेलबोर्न से आईं मोनिका शर्मा रइजादा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया, वाराणसी और प्रयागराज का बहुत अच्छा अनुभव रहा।
वाराणसी से करीब 3,000 प्रवासी भारतीयों का समूह बसों से सुबह 11:30 बजे सीधे अरैल स्थित इंद्रप्रस्थम टेंट सिटी पहुंचा, जहां अलग-अलग मंचों पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश, असम, पंजाब और कर्नाटक के लोक कलाकारों ने नृत्य और गान के साथ उनका स्वागत किया।
प्रवासी भारतीयों का दल क्रूज से वीआईपी किला घाट पहुंचा, जहां उन्होंने अक्षयवट, सरस्वती कूप, लेटे हनुमान जी के दर्शन किए और संगम में डुबकी लगाई। स्नान के बाद प्रवासी भारतीय क्रूज से अरैल लौट आए और संस्कृति ग्राम और कला ग्राम में भारतीय संस्कृति और कला की झलक देखी।