Sonam Wangchuk arrested : लद्दाख पुलिस ने शुक्रवार को लेह हिंसा मामले में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। केंद्र सरकार ने हिंसा के लिए सोनम को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद सोनम द्वारा स्थापित स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
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लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सोनम ने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि मैं देख रहा हूं कि वे मुझ पर जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने और मुझे दो साल के लिए जेल में डालने की कोशिश कर रहे हैं। मैं इसके लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा था कि सोनम वांगचुक को आजाद छोड़ने से कहीं ज्यादा समस्याएं उन्हें सोनम वांगचुक को जेल में रखने से हो सकती हैं।
क्या है लेह का हाल : लेह शहर में लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू भी जारी है। लद्दाख में सुरक्षा स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही। पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान सुनसान सड़कों पर गश्त करते देखे गए। लोगों को आवश्यक वस्तुएं खरीदने की अनुमति देने के लिए प्रतिबंधों में बाद में ढील दिए जाने की संभावना है।
क्यों भड़की थी हिंसा : राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान हिंसा भड़क उठी थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए थे।
व्यापक झड़पों के बाद 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि करगिल सहित अन्य प्रमुख शहरों में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाने वाली निषेधाज्ञा के तहत सख्त पाबंदियां लागू रहीं।
एलएबी और केडीए पिछले चार वर्षों से संयुक्त रूप से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन चला रहे हैं। उनकी मांगों में राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार, लेह और कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीटें और लोक सेवा आयोग शामिल हैं।
edited by : Nrapendra Gupta