Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नरेंद्र गिरि को अंतिम विदाई, 'सिद्ध योग मुद्रा' में दी गई भू समाधि

Advertiesment
हमें फॉलो करें नरेंद्र गिरि को अंतिम विदाई, 'सिद्ध योग मुद्रा' में दी गई भू समाधि
, बुधवार, 22 सितम्बर 2021 (16:02 IST)
नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी को बुधवार को बाघम्बरी मठ में अंतिम विदाई गई। उन्हें 'सिद्ध योग मुद्रा' में समाधि दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संत उपस्थित थे।

नरेंद्र गिरि का आज सुबह पोस्टमार्टम किया गया। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को एक गाड़ी में स्नान के लिए संगम तट लेकर जाया गया। इसके बाद बाघम्बरी मठ में उन्हें भू समाधि दी गई।
 
सुसाइड नोट में उनकी अंतिम इच्छा थी कि समाधी श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी पार्क में नीबू के पेड़ के पास गुरू जी के बगल दी जाए। अखाड़े के बड़े संत और महात्माओं ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उसी स्थान पर वेद मंत्रो के साथ सभी 13 अखाडों के बड़े संत, महंत और साधु-सहतों की उपस्थिति में भू-समाधि दी गई।
 
महंत को 12 फिट के गढ्ढे में तैयार गुप्त द्वारनुमा स्थान में 'सिद्ध योग मुद्रा' में घंटे-घडियाल और मंत्रोचार के बीच समाधि में बैठाया गया। विभिन्न अखाड़ों के महामंडलेश्वर, आचार्य और बड़े महात्माओं ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि और माल्यार्पण किया। उनके पास उनके नित्य पूजा की अपयोग की सभी वस्तुओं को रखा गया।
 
महंत के भू समाधि में अखाड़ों के महामंडलेश्वर, आचार्य और बड़े संत महात्माओं ने वैष्णव सम्प्रदाय के परंपराओं को ध्यान में रखकर विधि विधान का पालन करते हुए शंखनाद के बीच क्रमश: पुष्प, नमक, चीनी, घी, दूध, बेलपत्र पंचामृत आदि भू समाधि डाले गये। एक लंबी प्रक्रिया के बाद अखाड़े से जुडे सभी लोगों ने मिट्टी से गढ्डे को ढ़कने की प्रकिया पूरी की। अंत में समाधि स्थल को गोबर से लेपन किया गया। इन सभी कार्यों में करीब दो घंटे का समय लगा। इस दौरान महंत नरेन्द्र गिरी की जयजयकार की जा रही थी।
 
मंहत नरेन्द्र गिरी के पार्थिव शरीर को जिस स्थान पर भू समाधि दी गई है, उसी स्थान पर एक त्रिशूल गाड़ा जाएगा। एक साल के बाद उस स्थान पर पक्का मंदिर बनाया जाएगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर : न्यायालय ने न्यास को लेखा परीक्षा से छूट देने की याचिका खारिज की