पश्चिम बंगाल में चुनाव की तारीखों के एलान के साथ भाजपा ममता बनर्जी की उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। भाजपा के सभी नेताओं ने बंगाल में एक सुर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला है। ममता बनर्जी के लिए परेशानी की सब से बड़ी वजह यह है कि उन्हें अकेले ही अपनी पार्टी के चुनाव अभियान का संचालन करना है जबकि उनको चुनौती देने के लिए भाजपा ने अपने सारे महारथी पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में उतार दिए है।
यूं तो देश के विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ भाजपा नेताओं को पश्चिम बंगाल में पार्टी के चुनाव अभियान में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन अगर इन चेहरों पर गौर किया जाए तो पार्टी ने सबसे अधिक भरोसा मध्यप्रदेश के अपने वरिष्ठ नेताओं पर जताया है।
सबसे पहले मध्यप्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी सौंप कर पार्टी का जनाधार बढ़ाकर राज्य में मजबूत संगठन खडा करने की जिम्मेदारी गई। कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी रणनीतिक चतुराई और संगठन क्षमता के जरिए पिछले लोकसभा चुनाव परिणाम से यह साबित भी कर दिया कि पश्चिम बंगाल में हवा का रुख बदलने की सामर्थ्य उनके अंदर कूट कर भरी है। लोकसभा चुनावों में राज्य में भाजपा को मिली ऐतिहासिक सफलता ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नजरों में कैलाश विजयवर्गीय का कद इतना ऊंचा कर दिया है कि वे पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार की भूमिका में आ चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के चुनाव अभियान के एक प्रमुख रणनीतिक मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी है। पार्टी संगठन ने उन्हें राज्य की 57 विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की विजय सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। नरोत्तम मिश्रा की संगठन क्षमता और राजनीतिक सूझ-बूझ को देखते हुए उन्हें पहले भी उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख राज्यों में हुए विधानसभा के चुनावों में पार्टी ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी थी और पार्टी की अपेक्षाओं पर वे खरे उतर चुके है।
चुनावी मैनेजमेंट में माहिर समझे जाने वाले नरोत्तम मिश्रा 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार थे और पार्टी संगठन ने उनको कानपुर प्रांत की 52 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी थी और पार्टी ने यहां बड़ी जीत हासिल की थी। नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि पार्टी ने उन्हें बंगाल में जिन 57 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है उसमें से वह 50 सीटों पर जीत हासिल करेंगे।
नरोत्तम मिश्रा के साथ मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका निभाने वाले शिवराज कैबिनेट के मंत्री अरविंद भदौरिया को पार्टी ने बंगाल में चार विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी है। अरविंद भदौरिया बंगाल की हुगली के जंगीपुरा,हरिपाल,धनियाखाली और तारकेश्वर क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ शिवराज कैबिनेट के एक अन्य मंत्री विश्वास सांरग को भी बंगाल में तीन जिलों का प्रभार सौंपा गया है।
चुनाव की तारीखों के एलान के साथ अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बंगाल के चुनावी रण में एंट्री जा रहे है। सीएम शिवराज रविवार को भाजपा की परिवर्तन रैली में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री 28 फरवरी की सुबह कालीघाट मंदिर औऱ दक्षिणेश्वर मंदिर के दर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री धुलागोरी मोड़,आलमपुर और हावड़ा साउथ में आम सभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बंगाल में अब चुनाव का बिगुल बज गया है और वहां भाजपा की आंधी चल रही है और वहां अगली सरकार भाजपा की ही बनेगी।
पश्चिम बंगाल में पार्टी के सह प्रभारी अरविंद मेनन जिनका मध्यप्रदेश से गहरा नाता है,लगातार पार्टी के संगठन को मजबूत कर अब चुनावी मोड में आए राज्य में पूरा चुनावी मैनेजमेंट संभाल रहे है। इसके साथ ही पार्टी ने केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश के दमोह से सांसद प्रहलाद पटेल को भी बंगाल के चुनावी रण में उतार दिया है।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी की चुनावी व्यूह रचना और रणनीति में मध्यप्रदेश के भाजपा नेताओं की बड़ी भूमिका को देखकर यहां तक कहा जाने लगा है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए सत्ता का मार्ग मध्यप्रदेश से होकर ही निकलेगा।