नई दिल्ली। लोजपा के पशुपति कुमार पारस की अगुवाई वाले खेमे ने शनिवार को पार्टी से संबद्ध सभी शाखाओं और प्रदेश इकाइयों को भंग कर दिया और नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की।
यह फैसला दिल्ली में चिराग पासवान के नेतृत्व वाले समूह द्वारा रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने के जवाब में आया है। पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर पारस, सभी चार सांसदों और उनके विश्वासपात्र कुछ पार्टी पदाधिकारियों को भी इसमें शामिल किया गया है। पारस ने एक बयान में कहा कि पार्टी की अन्य सभी शाखाओं को भंग किया जा रहा है।
वहीं चिराग पासवान ने कहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 90 प्रतिशत से अधिक सदस्य उनके साथ हैं। शाम में चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। उन्होंने लोकसभा में पारस को पार्टी का नेता घोषित करने के दूसरे खेमे का दावा स्वीकार करने के बिरला के फैसले के खिलाफ अपना मामला प्रस्तुत किया। चिराग ने दलील दी कि पार्टी का संसदीय बोर्ड ही संसद में अपने नेता के बारे में फैसला कर सकता है।
पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने चिराग के स्थान पर पारस को अपना नेता चुना है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर नियंत्रण को लेकर लड़ाई का फैसला निर्वाचन आयोग में होने की संभावना है क्योंकि दोनों खेमे बिहार के लोकप्रिय दलित नेता रामविलास पासवान की विरासत पर दबदबा बनाने के लिए लड़ रहे हैं। पिछले साल रामविलास पासवान का निधन हो गया था। चिराग, रामविलास पासवान के पुत्र हैं। पारस, रामविलास के छोटे भाई हैं।(भाषा)