भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की स्थिरता को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे भाजपा नेता अब अचानक से खामोश हो गए हैं। विधानसभा सत्र के आखिरी दिन भाजपा के 2 विधायकों के कांग्रेस के पाले में जाने के बाद जिस तरह पार्टी हाईकमान ने प्रदेश के नेताओं को फटकार लगाई है, उसके बाद अब कोई भी बड़ा नेता मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बचता हुआ दिखाई दे रहा है। हाईकमान की फटकार का शायद यही असर है कि पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय तो 24 घंटे के अंदर ही अपने बयान से पलट गए।
राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन के शपथ ग्रहण सामारोह में पहुंचे भाजपा नेताओं से जब मीडिया ने कमलनाथ सरकार को लेकर सवाल किया तो वह चुप्पी साध गए। पूरे मसले पर जोरशोर से बयानबाजी करने वाले नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा सवालों से बचते हुए दिखाए दिए।
24 घंटे में बदले कैलाश के सुर : हाईकमान की फटकार का शायद यही असर है कि पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय तो 24 घंटे के अंदर ही अपने बयान से पलट गए। रविवार को राजस्थान के जयपुर में कर्नाटक में कैबिनेट गठन के बाद नया मिशन शुरू करने का बयान देने वाले कैलाश विजयवर्गीय भोपाल में अपने बयान पर सफाई देते हुए दिखाई दिए।
मीडिया ने जब कैलाश विजयवर्गीय से उनके बयान के बारे में पूछा को उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मेरे नए मिशन का मतलब मध्य प्रदेश से नहीं था। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि जब कांग्रेस के ही विधायक सरकार से अंसतुष्ट हैं और असहज महसूस कर रहे हैं तो फिर कुछ भी हो सकता है।
मध्य प्रदेश में अपनी कोई भूमिका होने से इंकार करते हुए कैलाश ने कहा कि उनका लक्ष्य पश्चिम बंगाल है। प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के बाद कैलाश विजयवर्गीय भाजपा दफ्तर भी पहुंचे जहां उन्होंने संगठन महामंत्री सुहास भगत से भी मुलाकात की।