Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मप्र विस अध्यक्ष का फरमान, कांग्रेस से अलग हुए 22 विधायकों के इस्तीफे पर 14 मार्च तक स्पष्टीकरण दें

हमें फॉलो करें मप्र विस अध्यक्ष का फरमान, कांग्रेस से अलग हुए 22 विधायकों के इस्तीफे पर 14 मार्च तक स्पष्टीकरण दें
, गुरुवार, 12 मार्च 2020 (23:14 IST)
भोपाल/ बेंगलुरु। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस से अलग हुए 22 विधायकों को 13 मार्च तक उनके समक्ष पेश होने और यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है अथवा किसी के दबाव में। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने यह कदम तब उठाया जब राज्य के मंत्री जीतू पटवारी को कर्नाटक के बेंगलुरु में एक रिजॉर्ट में जाने से पुलिस ने कथित तौर पर रोका और उन्हें हिरासत में ले लिया।

माना जा रहा है कि 22 में से 19 विधायक इसी रिजॉर्ट में ठहरे हैं। जिन 22 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है उन्हें वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थक माना जा रहा है। सिंधिया 2 दिन पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा देकर कल भाजपा में शामिल हुए हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंत्री और उनके समर्थकों को थोड़ी देर के लिए हिरासत में लिया गया था। सोशल मीडिया में एक वीडियो भी जारी हुआ जिसमें पटवारी सुरक्षाकर्मियों से कथित तौर पर भिड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि पटवारी विधायकों को मनाने के लिए यहां आए थे। इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के उसके 2 मंत्रियों को पुलिस ने बेंगलुरु में गिरफ्तार किया है।

कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख एवं राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के 2 मंत्री जीतू पटवारी एवं लाखन सिंह प्रदेश के हाट पिपलिया विधासभा सीट के कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी के पिताजी नारायण चौधरी के साथ अपने विधायकों की तलाश में बेंगलुरु गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बेंगलुरु पुलिस ने उऩके 2 मंत्रियों के साथ मारपीट की।

बहरहाल, बड़ी संख्या में विधायकों के इस्तीफे से मध्यप्रदेश सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस बीच भाजपा ने कहा है कि वह 16 मार्च को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने की मांग करेगी। इस पर कांग्रेस का कहना है कि 22 विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय होने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार शक्ति परीक्षण का सामना करने के लिए तैयार है।

विधानसभा के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस से अलग हुए 22 विधायकों को शुक्रवार तक उनके समक्ष पेश होने और यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है अथवा किसी के दबाव में।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अचरज जताया कि ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष से खुद मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा क्यों नहीं सौंप रहे हैं? विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि चूंकि सरकार अल्पमत में आ गई है इसलिए हम राज्यपाल से शक्ति परीक्षण कराने की मांग करेंगे।

भाजपा की इस मांग के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा, जैसा कि कमलनाथ (मुख्यमंत्री) पहले ही कह चुके हैं कि हम शक्ति परीक्षण के लिए तैयार हैं, लेकिन शक्ति परीक्षण के पहले विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय होना चाहिए। भाजपा पर कांग्रेस विधायकों को कब्जे में रखने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा, यह प्रजातांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। वह उन्हें छोड़ें। अगर स्पीकर साहब (विधानसभा अध्यक्ष) के सामने वे अपना पक्ष खुद रखते हैं, उसके बाद जो भी निर्णय होगा, उसे हम स्वीकार करेंगें।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, बात ये है कि इस्तीफे मंजूर कब होंगे। इस्तीफे तब मंजूर होंगे जब ये विधायक (विधानसभा) अध्यक्ष जी के सामने खुद बैठकर कहेंगे कि मेरे दस्तखत हैं। मुझ पर कोई दबाव नहीं है और जब तक इस्तीफों पर निर्णय नहीं होता है तब तक शक्ति परीक्षण कैसे हो?

राज्यपाल के अभिभाषण के पहले विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने की भाजपा नेताओं की मांग पर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के 19 विधायक उनके कब्जे में हैं। विधायकों के परिवार के लोग उनसे बात नहीं कर पा रहे हैं। फोन उनके ले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह भी अजीब बात है कि कांग्रेस पार्टी के विधायकों के इस्तीफे भाजपा के विधायक भूपेन्द्र सिंह लेकर आते हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस के बागी विधायकों के त्याग पत्र से पहले प्रदेश कांग्रेस 114 विधायकों की संख्या के साथ कमजोर बहुमत पर खड़ी थी। राज्य में फिलहाल विधानसभा की कुल 228 सीटें हैं। कांग्रेस सरकार को 4 निर्दलीय, बसपा के 2 और सपा के एक विधायक का भी समर्थन हासिल है। प्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 107 है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Corona Virus Live Updates : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पत्नी सोफी कोविड-19 से संक्रमित