मुंबई। Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र का सियासी बवंडर थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शिंदे गुट के साथ आर-पार के संग्राम के लिए तैयार हैं। शिवसेना ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ चुनाव आयोग जाने की तैयारी कर ली है। 16 बागियों को डिप्टी स्पीकर ने नोटिस भेजा है।
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आज कई प्रस्ताव पास किए गए। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर सीधा हमला बोला। शिंदे के अपने गुट का नाम शिवसेना बालासाहब रखने पर उद्धव ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर किसी को चुनाव लड़ना है तो अपने बाप के नाम से लड़ो। बालासाहब उनके पिता थे और कोई और उनके नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
4 प्रस्ताव हुए पास : शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 4 प्रस्ताव पास हुए। इसमें शिंदे गुट पर कड़ी कार्रवाई की राह आसान हो गई है। डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने शिंदे समेत 16 बागियों को नोटिस जारी किया है। विधायकों की सदस्यता रद्द करने से पहले जवाब देने के लिए 27 जून शाम साढ़े 5 बजे तक का समय दिया गया है। शिवसेना ने शिंदे गुट का नाम बालासाहब के नाम पर रखे जाने के खिलाफ चुनाव आयोग जाने का फैसला लिया है।
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 4 प्रस्ताव पास किए गए हैं। इसमें से पहले प्रस्ताव के तहत शिवसेना चुनाव आयोग जाएगी। शिवसेना आयोग में अपील करेगी कि कोई और बालासाहब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता। अन्य प्रस्तावों में बागियों पर कार्रवाई का फैसला उद्धव ही करेंगे। हिन्दुत्व और मराठी अस्मिता का प्रस्ताव पास हुआ। आखिरी प्रस्ताव में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर भरोसा जताया गया है।
नई पार्टी नहीं बनाएंगे : शिवसेना के बागी विधायकों में से एक दीपक वसंत केसरकर ने शनिवार को गुवाहाटी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि वे कोई नई पार्टी नहीं बनाएंगे। गुवाहाटी में बागी विधायकों की बैठक के बाद केसरकर ने कहा कि हमारे गुट के नेता एकनाथ शिंदे हैं और हम न तो कोई नई पार्टी बनायेंगे और न ही किसी पार्टी में विलय करेंगे। हमारे पास विधायकों के संख्या अधिक है इसलिए हम ही असली शिवसेना हैं, हमने अभी शिवसेना छोड़ी नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़े थे, इसलिए हम अभी भी शिव सैनिक हैं और हमारे पास दो तिहाई बहुमत है, ऐसे में विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल हमें अयोग्य नहीं ठहरा सकते। उन्होंने कहा कि उन्हें जिरवाल की नोटिस स्वीकार नहीं है और वह इसके खिलाफ अदालत में जायेंगे। पार्टी ने बैठक के लिए व्हिप जारी किया था लेकिन व्हिप बैठक के लिए नहीं बल्कि विधानसभा में मतदान के समय उपयोग किया जाता है, इसलिए उनका व्हिप जारी करना गलत था।
केसरकर ने कहा कि मुंबई में जिस तरह की भाषा का उपयोग हो रहा है, सही नहीं है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि रास्ते पर आने की जरूरत नहीं है। सड़क पर हिंसा करना ठीक नहीं है। मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से आग्रह करता हूं कि वे अपने कर्तव्य का वहन करते हुए लोगों से अनुरोध करें कि हिंसा नहीं फैलायी जाए। शिवसेना की बैठक के बाद उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह सच और झूठ की लड़ाई है और अंत में जीत सच की होगी।