मुंबई। दक्षिणी मुंबई का आजाद मैदान सोमवार सुबह हजारों किसानों के जमा होने से लाल हो गया। पिछले छ: दिन से तपती धूप में180 किलोमीटर की यात्रा कर यहांबहुत बड़ी तादाद में पहुंचे किसानों ने अपने हाथों में लाल झंडे थाम रखे हैं। किसान बिना किसी शर्त के ऋणमाफी की मांग करते हुए विधानसभा परिसर को घेरने वाले हैं। ऋणमाफी के अलावा किसान, आदिवासी किसानों को वनभूमि हस्तांतरण करने की भी मांग कर रहे हैं।
सायन क्षेत्र में केजे सोमैय्या मैदान में ठहरने के बाद किसान सोमवार तड़के आजाद मैदान पहुंचे। किसानों के इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे माकपा से संबद्ध ऑल इंडिया किसान सभा ने बताया कि वे उस पर विचार करेंगे कि सरकार को क्या पेशकश करना है। माकपा नेता अशोक धावले ने बताया कि 50,000 किसान इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। उन्होंने बताया कि हम अपनी रैली सुबह11 बजे शुरू करेंगे ताकि10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दे रहे छात्रों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।
ठाणे जिले के आदिवासी किसान भी नासिक जिले सेआए किसानों के इस विरोध प्रदर्शन में शिरकत की। महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने कल उपगनरीय मुंलुंड में इस मार्च का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने किसानों की पहले वाली मांगों को पूरा किया है और अब वह नई मांगों पर भी विचार करेगी। राज्य में विपक्षी पार्टी राकांपा, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा शिव सेना ने भी किसानों की मांग का समर्थन किया है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिव सेना नेता आदित्य ठाकरे ने कल किसानों से मुलाकात की थी। पिछले साल नवंबर में राज्य सरकार ने कृषि ऋणमाफी की घोषणा करते हुए इसे महाराष्ट्र के इतिहास में सबड़े बड़ी ऋणमाफी बताया था। पिछले महीने राज्य के राज्यपाल विद्यासागर राव ने राज्य विधानसभा को बताया था कि सरकार ने 31 लाख किसानों के बैंक खाते में 12,000 करोड़ रुपए हस्तांतरित की है।
क्या है किसानों की मांग : प्रदर्शनरत किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों कीउत्पादन कुल लागत का डेढ़ गुना भुगतान किया जाए और इसी को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए। ऐसी संभावना कम है कि सभी किसानों को आजाद मैदान से विधानसभा परिसर की ओर जाने दिया जाएगा लेकिन इन किसानों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने की इजाजत दी जाए।
फडणवीस ने कहा सरकार मांगों के लिए तैयार : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है जिन्होंने अपनी विभिन्न मांगों पर दवाब बनाने के लिए मुम्बई के लिए ‘ लांग मार्च’ निकाला है। उन्होंने आंदोलनरत किसानों से शहर में यातायात नहीं रोकने की भी अपील की ताकि शहर में दसवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को परीक्षा केंद्रों पर जाने में विलंब न हों। फडणवीस ने कहा कि हम उनसे बात करेंगे और उनके मुद्दों को सुलझाएंगे। सरकार उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक है। अधिकांश आंदोलनकारी आदिवासी हैं और उनकी मुख्य मांग वन भूमि पर अधिकार है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर चर्चा के लिए हमने मंत्रियों की एक समिति बनाई है। हमने उन्हें( किसान नेताओं) को बातचीत के लिए बुलाया है।