नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (sharad pawar) ने शनिवार को कहा कि विपक्षी पार्टियां अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का विकल्प मुहैया कराने को इच्छुक हैं और प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करना कोई मुद्दा नहीं है।
पवार ने यहां प्रेस कॉन्फेंस को संबोधित करते हुए कहा कि वह 23 जून को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल होंगे और भाजपा के खिलाफ संयुक्त लड़ाई लड़ने का प्रयास करेंगे।
राकांपा प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का चेहरा हमारे सामने कोई मुद्दा नहीं है। यहां तक कि 1977 में भी किसी को प्रधानमंत्री के रूप में पेश नहीं किया गया था। जनता पार्टी चुनाव जीती और मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया।
उन्होंने कहा कि अगर यह 1977 में हो सकता था, तो अब क्यों नहीं हो सकता? हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस देश के लोगों को भाजपा का विकल्प मुहैया कराएं।
पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों के सामने विकल्प पेश करने की जरूरत है। यदि हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो हम विकल्प देने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार को खड़ा करने का सुझाव दिया गया है और इस मुद्दे पर 23 जून को पटना में होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पटना में होने वाली बैठक एक नई दिशा तय करेगी क्योंकि लोग बदलाव चाहते हैं। हम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे।
महाराष्ट्र में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर पवार ने कहा कि राज्य के लोग ऐसी विभाजनकारी राजनीति को खारिज कर देंगे जैसा उन्होंने कर्नाटक में किया।
राकांपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके सहयोगी संगठन महाराष्ट्र में माहौल खराब कर रहे हैं, जैसा कि उन्होंने भगवान हनुमान के नाम पर कर्नाटक में किया।
पवार ने कहा कि लेकिन कर्नाटक के लोगों ने सांप्रदायिक एजेंडे को खारिज कर दिया। मुझे विश्वास है कि महाराष्ट्र के लोग भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
सोशल मीडिया पर उन्हें मिल रही धमकियों को लेकर पवार ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र पुलिस पर पूरा भरोसा है और उन्हें उम्मीद है कि वह अपना काम ईमानदारी से करेगी। भाषा Edited By : Sudhir Sharma