नई दिल्ली। तुर्किए और सीरिया में 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के कारण करीब 45,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस विनाशकारी भूकंप के कारण भारी संख्या में जानमाल की क्षति हुई है। अभी भी कई लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है।
भारत ने इस मुश्किल समय में दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए ऑपरेशन दोस्त शुरू किया है। इसके तहत भारतीय सेना तुर्किए में आए भूकंप के कारण मलबे में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव का कार्य और उन्हें चिकित्सीय सहायता कर रही है। भारत सेना की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन दोस्त के तहत एक फोटो वायरल हो रही है, जो मेजर बीना तिवारी की है।
बीना तिवारी ने बयां किया भयानक मंजर : मेजर बीना ने तुर्किए में अपने अनुभव भी बताए। उन्होंने न्यूज एजेंसी को कहा कि ने कहा कि वो ये दौरा कभी नहीं भूल सकेंगी क्योंकि वहां उन्होंने जिस संख्या में मौतें देखीं वह बयां भी नहीं किया जा सकता। इतनी आपाधापी में वहां अस्पताल सेटअप करना भी एक बड़ी चुनौती थी।
मेजर बीना ने बताया कि वहां पहुंचने के कुछ घंटों में ही सेना ने स्थानीय अस्पताल के पास एक इमारत में अपना अस्पताल बनाया। इस्केंदेरुन में 99 सदस्यों वाली मेडिकल टीम ने 30 बेड वाला फील्ड अस्पताल सफलतापूर्वक चलाया गया। यहां करीब 4000 मरीजों का इलाज 24 घंटे चलता रहता था। स्थानीय लोगों और तुर्किये की सरकार ने भी हमारी काफी मदद की।
तीन पीढ़ियां सेना की सेवा में : मेजर बीना तिवारी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की रहने वाली हैं। उन्होंने आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं। मेजर बीना तिवारी अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं, जो सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
उनके दादाजी सेना में सूबेदार के पद पर तैनात थे, जबकि पिता 16 कुमाऊं इंफेंट्री में थे। बीना भूंकप प्रभावित इलाकों में मदद के लिए भेजी गई 14 डॉक्टर और 86 पैरा मेडिक्स की टीम में एकमात्र महिला अधिकारी हैं। वे 60 पैरा फील्ड अस्पताल में एकमात्र महिला अधिकारी के रूप में भी तैनात हैं। Edited By : Sudhir Sharma