नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में कर्नल श्रीकांत पुरोहित को कथित तौर पर अगवा किए जाने की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने संबंधी उनकी याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कर्नल पुरोहित की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई निचली अदालत में चल रही है और ऐसी स्थिति में वह हस्तक्षेप नहीं करेगी।
न्यायालय ने हालांकि याचिकाकर्ता को अपनी मांग निचली अदालत के समक्ष रखने की अनुमति दे दी। न्यायालय ने कहा कि यदि हम इस समय हस्तक्षेप करेंगे तो सुनवाई प्रभावित हो सकती है।
कर्नल पुरोहित की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने जो मुद्दा उठाया है, उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस पर न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी बात लेकर निचली अदालत के समक्ष जाए।
इससे पहले गत 27 अगस्त को न्यायाधीश उदय उमेश ललित के सुनवाई से अलग होने के कारण नई पीठ के गठन तक के लिए सुनवाई टालनी पड़ी थी।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में खुद को साजिश के तहत फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए न्यायालय की निगरानी में एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग की है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल कर्नल पुरोहित को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। वह पिछले नौ साल से जेल में थे। उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए जमानत दी थी।
गौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था, जिसमें आठ लोगों की मौत हुई थी और तकरीबन 80 लोग जख्मी हो गए थे।