कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) राजीव सिन्हा को हटाने की खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में ग्रामीण चुनाव नामांकन प्रक्रिया अभूतपूर्व रूप से शांतिपूर्ण रही। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हालांकि उनकी पदभार ग्रहण करने संबंधी रिपोर्ट लौटा दी थी।
बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि एसईसी को हटाना एक बोझिल प्रक्रिया है और इसे महाभियोग के माध्यम से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, एसईसी को ऐसे ही नहीं हटाया जा सकता। राज्यपाल ने खुद राज्य निर्वाचन आयुक्त के तौर पर सिन्हा की नियुक्ति संबंधी फाइल पर हस्ताक्षर किए थे।
उनकी यह टिप्पणी राज्यपाल द्वारा बुधवार को सिन्हा की ज्वाइनिंग रिपोर्ट राज्य सरकार को लौटाने के एक दिन बाद आई है। यह घटनाक्रम आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव से पहले सामने आया है। उन्होंने कहा, महाभियोग के माध्यम से न्यायाधीशों को हटाने की तरह ही एसईसी को पद से हटाने की प्रक्रिया काफी बोझिल है।
राज्य में चुनाव संबंधी हिंसा के मुद्दे पर बोलते हुए, बनर्जी ने कहा, बंगाल में चुनाव नामांकन प्रक्रिया इतनी शांतिपूर्ण कभी नहीं रही। मारे गए लोग हमारी पार्टी के कार्यकर्ता हैं। तीन से चार बूथ में कुछ घटनाएं हुई हैं। राज्य में आठ जुलाई के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान व्यापक हिंसा में विभिन्न हिस्सों में छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
बनर्जी ने उन दावों का खंडन किया कि विपक्ष को नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई थी और उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि चुनाव के लिए लगभग 2.3 लाख नामांकन दाखिल किए गए थे। तृणमूल अध्यक्ष ने सवाल किया, क्या आपने कभी सुना है कि किसी अन्य राज्य में ग्रामीण चुनावों के लिए 2.31 लाख नामांकन दाखिल किए गए हों? फिर भी विपक्ष दावा कर रहा है कि वे नामांकन दाखिल नहीं कर पाए। क्या यह विडंबना नहीं है?
आक्रामक टीएमसी प्रमुख ने आश्चर्य जताया कि केंद्रीय बलों को त्रिपुरा क्यों नहीं भेजा गया, जहां भाजपा ने 96 प्रतिशत सीटें निर्विरोध जीती थीं। उन्होंने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके राज्य सरकार को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
बनर्जी ने कहा, मेरा मानना है कि केंद्र सरकार जितना हमारे पीछे पड़ेगी, जितना बंगाल का अपमान करेगी, जितना बंगाल की प्रगति में बाधा डालने की कोशिश करेगी, जनता उन्हें करारा जवाब देगी। राजनीतिक रूप से हमसे लड़ने के बजाय, वे हमें परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर रहे हैं।
राज्य पुलिस की निष्पक्षता को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बीच बनर्जी ने उनका (पुलिस का) समर्थन करते हुए कहा, उन्हें केंद्रीय बलों को तैनात करने दें, लोकतंत्र में अंतिम फैसला जनता का ही है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)