ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा कि आपको 22 अगस्त को भी एक पत्र लिखा था। उसमें मैंने दुष्कर्म की घटनाओं पर कड़े केंद्रीय कानून बनाने और ऐसे अपराध में शामिल अपराधियों को कड़ी सजा देने की जरूरत के बारे में बताया गया था। इतने संवेदनशील मुद्दे पर मुझे आपकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने बताया कि हालांकि, भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री से एक उत्तर प्राप्त हुआ है, जो मेरे पत्र में उठाए गए मुद्दे की गंभीरता पर ध्यान नहीं देता है। उन्होंने कहा कि मेरा विचार है कि इस सामान्य उत्तर को भेजते समय विषय की गंभीरता को ध्यान में नहीं रखा गया है।
बंगाल सीएम ने अपनी चिट्ठी में रोज होने वाले रेप के आंकड़ों का जिक्र करते हुए लिखा है कि ऐसा कानून बनाने की जरूरत है जो अपराधियों के लिए एक उदाहरण साबित हो। उन्होंने मांग की कि ऐसे मामलों में पीड़ित परिवार को 15 दिनों में न्याय मिले इसकी व्यवस्था करने की जरूरत है।
ममता ने अपना पत्र में बताया कि पश्चिम बंगाल में उनकी सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए पहले ही महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें 88 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) और 62 पॉक्सो अदालतों के साथ-साथ बच्चों के खिलाफ अपराध के लिए 10 विशेष अदालतों की स्थापना शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि 9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चौथी मंजिल पर बने सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस दिल दहला देने वाले हत्याकांड को लेकर पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।
Edited by : Nrapendra Gupta