amritsar news in hindi : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अमृतसर से खास जुड़ाव था जहां उन्होंने अपना बचपन बिताया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गाह में जन्मे सिंह का परिवार विभाजन के बाद अमृतसर आकर बस गया था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अमृतसर से पूरी की और यहां हिंदू कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया।
सिंह के सौतेले भाई सुरजीत सिंह कोहली ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को अपनी दादी से गहरा लगाव था। सिंह जब काफी छोटे थे तो उनकी मां की मृत्यु के बाद उनकी दादी ने ही उनका पालन-पोषण किया था। विभाजन के बाद सिंह का परिवार अमृतसर में एक छोटे से किराए के मकान में रहने लगा। और उनके स्नातक की पढ़ाई पूरी तक इसी मकान में रहा।
हिंदू कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर राजिंदर लूंबा ने बताया कि अर्थशास्त्र उनका पसंदीदा विषय था और उनकी पत्नी गुरशरण कौर के माता-पिता भी अमृतसर से ही थे। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले सिंह ने हिंदू कॉलेज के दीक्षांत समारोह एवं पूर्व छात्र सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया था और एक साधारण व्यक्ति की तरह कॉलेज के कर्मियों से बातचीत की तथा पुरानी यादें ताजा की थीं।
उन्होंने बताया कि सिंह ने कॉलेज में उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों के बारे में बात की और साथ ही छात्रों एवं संकाय सदस्यों के साथ बातचीत की तथा तस्वीरें भी खिंचवाईं।
स्थानीय निवासी राज कुमार (71) ने बताया कि सिंह स्वर्ण मंदिर के पास पेठा वाला बाजार में रहते थे। सिंह को एक बेहद विनम्र व्यक्ति के रूप में याद करते हुए कुमार ने कहा कि डॉ. सिंह यहीं रहते थे। जब उनका परिवार यहां से चला गया, तब मैं छोटा था। उनका परिवार बहुत अच्छा था। जिस घर में सिंह परिवार रहता था, उसकी हालत अब ठीक नहीं है, क्योंकि वे काफी पहले यहां से चले गए थे और अब वहां कोई नहीं रहता है।
कुछ अन्य स्थानीय लोगों ने मनमोहन सिंह को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जिन्होंने हमेशा अमृतसर के लिए विशेष चिंता जताई तथा कहा कि उनके नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने अमृतसर के लिए कई परियोजनाएं मंजूर कीं।
भारत के आर्थिक सुधारों के जनक डॉ. सिंह का गुरुवार देर रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। कांग्रेस नेता सिंह 2004 से 2014 तक, 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। वह वैश्विक आर्थिक क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम थे। (भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta